अतुल कुमार/गोंडा: उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां बिना पंजीकरण के ही बड़ी संख्या में फर्जी मदरसा संचालित हो रहे हैं. इन सभी मदरसों की मान्यता नहीं है और न ही अल्पसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा पंजीकृत है. यह बड़ा खुलासा मदरसा शिक्षा परिषद की ओर से अल्पसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा कराए गए सर्वे में हुआ है. जांच में सामने आया है कि जिले में कुल 306 ऐसे मदरसे है जिनकी मान्यता ही नही है और न ही विभाग में पंजीकृत है. 286 ऐसे मदरसे है जिनका चयन मदरसा आधुनिकीकरण में है और कई ऐसे मदरसा आधुनिकीकरण में शामिल मदरसे है जो धरातल पर है ही नहीं है.


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एटीएस की मदरसे पर पैनी नजर 
अवैध रूप से चल रहे यह मदरसे अब उत्तर प्रदेश आतंकवाद निरोधक दस्ता (यूपी एटीएस) की रडार पर है. आपको बता दें कि एक-एक मदरसे की हाई लेवल मॉनीटरिंग और स्क्रीनिंग की जा रही है. एटीएस ने अभिसूचना, नागरिक पुलिस और अल्पसंख्यक विभाग से भी इन मदरसों का ब्योरा तलब किया है. 


डीएम ने दिए जांच के आदेश 
286 मदरसा आधुनिकीकरण में शामिल मदरसों के खिलाफ भी अब गोंडा डीएम के आदेश पर जांच शुरू कर दी गई है. वहीं जिले में फर्जी रूप से संचालित अवैध मदरसों को लेकर अब यूपी एटीएस और आईबी ने भी गोंडा अल्पसंख्यक विभाग से संपर्क कर जिले में संचालित फर्जी मदरसों की सूची प्राप्त की है और अब पूरे मामले की जांच में जुटी हुई है. 


फर्जी चल रहे मदरसे 
ये है मदरसा इस्लामिया ईदगाह है ये मदरसा फर्जी तरीके से संचलित है और मान्यता ही नही है और न ही विभाग में पंजीकृत है फर्जी रूप से संचालित हो रहे रहा है. यहां पर फर्जी तरीके से मदरसा खोल करके बच्चों को पढ़ाया जा रहा है. ऐसे में गोंडा जिला प्रशासन ने शासन द्वारा दिए गए निर्देश की बात पूरे जिले में जांच कराया था, तो पूरे गोंडा जिले में 306 मदरसे फर्जी तरीके से संचालित मिले हैं, जिनकी ना तो मान्यता है और ना ही अल्पसंख्यक विभाग में कोई रजिस्ट्रेशन है.


सरकारी जमीन पर है मदरसा 
फर्जी रूप से संचालित कई मदरसे ऐसे हैं, जो सरकारी जमीनों ग्राम समाज, आबादी और खलिहानों की जमीन पर भी संचालित है. सरकारी जमीनों पर संचालित अवैध रूप से मदरसों के खिलाफ गोंडा जिला प्रशासन ने जांच के आदेश दे दिए हैं. वही अब यूपी एटीएस और आईबी भी सक्रिय हुई है. गोंडा अल्पसंख्यक विभाग से जिले में संचालित मान्यता प्राप्त अवैध रूप से संचालित मदरसों की सूची सहित पूरा ब्यूरो तलब किया है. पूरे मामले की यूपी एटीएस और आईबी भी जांच करेगी कि आखिर किस तरीके से बिना मान्यता के बिना अनुदानित और बिना आधुनिकीकरण के जिले में 306 मदरसे संचालित हो रहे हैं. 


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