Lucknow: भारतीय जनता पार्टी का सदस्यता अभियान एक बार फिर देशभर में लॉन्च हो चुका है. कई बड़े नेता जैसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आदि भाजपा की फिर से सदस्यता ले रहे हैं. यह सुनकर आपके दिमाग में ये सवाल जरूर आ रहा होगा कि ये नेता तो दशकों से भारतीय जनता पार्टी में रहकर ही इतने बड़े पदों पर पहुंचे हैं तो फिर दोबारा सदस्यता क्यों ले रहे हैं. इस सवाल का जवाब आपको बाद में देंगे लेकिन क्या आप जानते हैं भाजपा के सबसे पुराने सदस्य कौन हैं. 


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श्री नारायण उर्फ़ भुलई भाई 
श्री नारायण उर्फ भुलई भाई भारतीय जनता पार्टी के सबसे पुराने सदस्य हैं. भुलई भाई की उम्र 108 साल हो चुकी है. भुलई भाई भारतीय जनसंघ से 1974 में नौरंगिया से विधायक बने थे. उस वक्त नौरंगिया देवरिया में था लेकिन परिसीमन के बाद अब यह कुशीनगर में आ गया है. जब भारतीय जनता पार्टी का गठन हुआ था तभी भुलई भाई भाजपा कार्यकर्ता बन गये. भुलई भाई ने दीनदयाल उपाध्याय से प्रभावित होकर राजनीति में प्रवेश किया था. 


दीनदयाल उपाध्याय ने अपनी थाली से दिया खाना
एक बार की बात है जब दीनदयाल उपाध्याय ने भुलई भाई को अपनी थाली से खाना लेने का आग्रह किया तो भुलाई भाई ने हिचकिचाते हुए उनसे कहा था कि, "यदि आपने मुझे अपना खाना दे दिया तो आप क्या खाएंगे ?." तब महान नेता ने कहा था, "आप खाइये आपको लंबा जीवन जीना है."


शिक्षा अधिकारी की नौकरी छोड़ राजनीति में आए
जब भारतीय जनसंघ स्थापित हुआ तो भुलई भाई स्नातकोत्तर की पढ़ाई कर रहे थे. बाद में भुलई भाई शिक्षा अधिकारी बन गए. लेकिन 1974 में उन्होंने नौकरी छोड़ दी और राजनीति में शामिल होकर देश और समाज के लिए कुछ करने का दृढ़निश्चय कर लिया. इसी साल भारतीय जन संघ ने उन्हें नौरंगिया विधानसभा से टिकट दिया और वो यह सीट जीत गए. 1977 में भुलई भाई दोबारा विधायक बने. भगवा गमछा हमेश भुलई भाई की पहचान रहा है जो उनके गले में रहता है. 


पिछले दिनों जब गृह मंत्री ने पूर्व विधायकों को सम्मानित किया था जब भुलई भाई भी आमंत्रित किए गए थे. 


क्यों भाजपा नेता फिर बन रहे पार्टी सदस्य
अब आपको बताते हैं कि भारतीय जनता पार्टी में होकर भी नेता दोबारा पार्टी की सदस्यता क्यों लेते हैं. दअसल पार्टी के सभी नेताओं का दोबारा सदस्य बनने के पीछे पार्टी के कुछ नियम हैं. भारतीय जनता पार्टी अलग-अलग कालखंड के अनुसार काम करती है. साधारणत: यह कालखंड 6 साल का होता है. लेकिन भाजपा की राष्ट्रीय कार्य समिति ही इस काल खंड को खत्म और शुरू करने का निर्णय लेती है. एक कालखंड खत्म होने के बाद दूसरा कालखंड शुरू होता है, और फिर पार्टी के सभी कार्यकर्ता सदस्यता ग्रहण करते हैं. अब भाजपा का नया कालखंड शुरू हुआ है इसलिए सदस्यता अभियान चलाया जा रहा है. 


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