उत्तर प्रदेश में भाजपा के भीतर सरकार और संगठन में चल रही अंदरूनी सुगबुगाहट के बीच मुलाकातों का दौर जारी है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार शाम राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से राजभवन में मुलाकात की तो दिल्ली में शीर्ष नेतृत्व में भी अहम मैराथन बैठकें हुईं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मुलाकात को जो एक घंटे से ज्यादा चली. उसके बाद देर रात गृह मंत्री अमित शाह ने पीएम मोदी से मुलाकात की, जो डेढ़ घंटे से ज्यादा चली. 


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इससे पहले मंगलवार को उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने दिल्ली में जेपी नड्डा से मुलाकात की थी.प्रदेश भाजपा अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी भी नड्डा से मिले थे.ये सिर्फ सियासी मंथन है या कुछ और... यह तस्वीर अगले कुछ दिनों में साफ होने की उम्मीद है. हालांकि यूपी विधानसभा उपचुनाव के पहले बीजेपी कोई बड़े बदलाव का जोखिम मोल लेगी, इसको लेकर भी संदेह है. उधर, संगठन से अलग सरकार के मुखिया सीएम योगी ने खुद विधानसभा उपचुनाव की दस सीटों के लिए कमान संभाल ली है. विधानसभा के लिए दस प्रभारी और सह प्रभारी मंत्रियों के साथ सीएम योगी ने बैठक की और उनसे हर सीटों के जमीनी हालातों को लेकर रिपोर्ट ली.


बैठकों को यह दौर रविवार को लखनऊ में उत्तर प्रदेश बीजेपी की कार्यसमिति की बैठक से शुरू हुआ था, जहां पर केशव प्रसाद मौर्य ने संगठन को सरकार से बड़ा बताने वाला बयान दिया था. उसके बाद सारी हलचल दिल्ली शिफ्ट हो गई, जब केशव प्रसाद मौर्य और भूपेंद्र चौधरी ने एक-एक करके जेपी नड्डा से मुलाकात की. फिर भूपेंद्र चौधरी की पीएम मोदी से मुलाकात और मोदी-शाह की मैराथन बैठक से सियासी पारा गरमा गया है.


उधर, सीएम योगी की राज्यपाल से मुलाकात हुई है, कहा जा रहा है कि उत्तर प्रदेश के विधानसभा सत्र को लेकर यह मीटिंग हुई. लेकिन ऐसे वक्त जब पार्टी में बयानबाजी और मुलाकातों का सिलसिला चल रहा हो तो कयास लगने लगे हैं. कहा जा रहा है कि उत्तर प्रदेश भाजपा संगठन और मंत्रिमंडल में भी फेरबदल भविष्य में हो सकता है, लेकिन विधानसभा उपचुनाव तक यह मुमकिन नहीं लगता.


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