UP News: उत्तर प्रदेश सरकार में डिप्टी सीएम बृजेश पाठक और योगी सरकार में असीम अरुण ने भ्रष्टाचारी अफसरों के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए रिश्वतखोरों को सस्पेंड कर दिया है. यूपी के डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने बलरामपुर के श्रीदत्तागंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में GPF के एक लाख 30 हजार रुपए निकलवाने के नाम पर वरिष्ठ सहायक पर रिश्वत मांगने का आरोप लगने के बाद यह कदम उठाया है. तो वहीं योगी सरकार में मंत्री अमीस अरुण ने कन्नौज में समाज कल्याण विभाग के एक बाबू पर घूस लेने के आरोप में पुलिस द्वारा गिरफ्तार करवाने के बाद सस्पेंड भी करवा दिया है. 


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क्या है बलरामपुर का मामला
बलरामपुर के श्रीदत्तागंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में GPF के एक लाख 30 हजार रुपए निकलवाने के नाम पर वरिष्ठ सहायक पर रिश्वत मांगने का आरोप लगा है. इसके बाद डिप्टी सीएम ने कार्रवाई करते हुए आरोपी अफसर को निलंबित कर दिया है. दरअसल, बलरामपुर के वरिष्ठ सहायक और एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के बीच पैसे के लेन-देन संबंधी बातचीत का वीडियो वायरल हुआ था. यूपी के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने इस प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए पूरे प्रकरण की जांच के साथ स्वास्थ्यकर्मी के निलंबन के निर्देश प्रशासन को दिए हैं. 


कन्नौज में कैसे लगा घूसखोरी का पता
योगी सरकार में समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण से कन्नौज के एक छात्र ने विभाग के ही एक बाबू के खिलाफ घूस लेने के आरोप लगाते हुए शिकायत की थी. मंत्री से शिकायत करने वाले छात्र का नाम ममतांजय कुमार है. ममतांजय ने मंत्री असीम अरुण से की शिकायत में बताया कि समाज कल्याण विभाग के बाबू हृदेश कुमार के खिलाफ छात्रवृत्ति दिलाने के नाम पर घूस मांगी थी. ममतांजय द्वारा की गई शिकायत में बताया गया कि छात्रवृत्ति का फार्म भरने के बाद भी उसका पार्म निरस्त कर दिया गया था. कन्नौज विकास भवन जाकर जब ममतांजय ने इस बारे में जानकारी लेनी चाही तो उसका मुलाकात हृदेश कुमार से हुई. हृदेश ने ममतांजय और एक अनय छात्र का काम करवाने के एवज में दोनों से 8250 रुपये की रिश्वत ली. लेकिन रिश्वत लेने के बाद भी हृदेश ने काम नहीं करावाया. मंत्री को मिली शिकायत के बाद बाबू को गिरफ्तार करने के बाद सस्पेंड कर दिया गया. 


उन्नाव से भी सामने आया था ऐसा मामला
मामला उन्नाव की सफीपुर तहसील का बताया जा रहा है. जहां तैनात एक लेखपाल एक युवक से वरासत कराने के नाम पर पिछले एक माह से लगातार पैसे मांग रहा था. लेखपाल की प्रताड़ना से परेशान होकर युवक ने इसकी जानकारी एंटी करप्शन टीम को दी. आज पैसे देने के दौरान तहसील परिसर से एंटी करप्शन की टीम ने लेखपाल को 5000 रुपये की घूस लेते रंगे हाथ पकड़ा है और उसे हिरासत में लेकर सदर कोतवाली लेकर पहुंची. जहां मुकदमा दर्ज करा कर आगे कार्रवाई शुरू दी है.


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