लखनऊ: उत्तर प्रदेश में राशन कार्डधारकों का अब घटतौली का खेल नहीं चलेगा और न ही वो अनाज का हेरफेर कर पाएंगे. इसके लिए प्रदेश सरकार सभी 15 करोड़ कार्डधारकों का बायोमेट्रिक सत्यापन शुरू करने जा रही है. ई तौल मशीनों के कारण कम अनाज देने की शिकायत भी दूर की जाएगी.


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अब राशनकार्ड के जरिए राशन लेने वाले लाभार्थियों को तत्काल रसीद मिलेगी और किसने कितना राशन लिया, इसका पूरा लेखाजोखा रखा जाएगा. इसके लिए पूरी प्रकिया का खाका तैयार किया गया है. दरअसल, हर राशन कार्डधारक का प्रदेश सरकार अब बायोमेट्रिक सत्यापन कराएगी. ई-केवाईसी यानी ऑनलाइन सत्यापन कराने का  प्रदेश सरकार की ओर से निर्णय लिया गया है. कुल 15 करोड़ लाभार्थियों की ई-केवाईसी सत्यापन किया जाना है. इसके लिए खाद्य विभाग को आवश्यक निर्देश दिए गए हैं. 


5-6 महीने में पूरी होगी प्रक्रिया 
सस्ते राशन की दुकानों से अनाज के साथ ही और भी कई जरूरी सामग्रियों के वितरण में पारदर्शिता आ सके इसके लिए कई तरह के कदम उठाए जा रहे हैं. इस कदम के अंतर्गत लाभार्थी को दुकानों पर जाने के बाद ई-पॉस मशीन के मध्याम से आधार में लगे अंगूठे का सत्यापन किया जाएगा. इस सत्यापन से तय हो पाएगा कि असल शख्स  ही योजना का लाभ उठा रहा है. तैयारी है कि इस पूरी प्रक्रिया को आने वाले 5-6 महीने में पूरा कर लिया जाए. 


तौल मशीनें भी ऑनलाइन
इसके अलावा एक निर्णय इस संबंध में भी लिया गया है कि सस्ते गल्ले की सारी 80 हजार दुकानों पर एक तौल मशीन लगाया जाना है जोकि ई-पास मशीन से सीधे जुड़ी होगी और पूरी डेटा जुटाएगी कि कितनी मात्रा में लाभार्थी को अनाज तौलकर दिया जाएगा. जो भी लाभार्थी राशन खरीदेगा उसकी रसीद तत्काल रूप से मशीन से निकालकर दे दी जाएगी. तौल मशीनें ई-पॉस मशीन के जैसे ही वेंडर से किराये पर लिया जाएगा यानी इस पूरी प्रकिया से तौल मशीनें भी ऑनलाइन हो पाएंगी.


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