हर रोज 115 करोड़ की शराब बीयर गटक रहे यूपी वाले, कमाई बढ़ने के साथ बढ़े पियक्कड़
UP Liquor: देश में सबसे ज्यादा आबादी वाले सूबे उत्तर प्रदेश में शराब पीने वालों की संख्या सबसे ज्यादा है. प्रदेश में शराब पीने वालों की संख्या चार करोड़ दो लाख के करीब है
UP Liquor: देश में सबसे ज्यादा आबादी वाले सूबे उत्तर प्रदेश में शराब पीने वालों की संख्या सबसे ज्यादा है. प्रदेश में शराब पीने वालों की संख्या चार करोड़ दो लाख के करीब है यानी प्रदेश की करीब 23.6 फीसदी लोग मदिरा का सेवन करते हैं. ये आंकड़ा करीब 5 साल पुराना है. जो नेशनल ड्रग डिपेंडेंसी ट्रीटमेंट सेंटर और ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के सर्वे और स्टडी में सामने आया था. इसके बाद इसको लेकर कोई नई रिपोर्ट सामने नहीं आई लेकिन माना जा रहा है कि शराब पीने वालों की संख्या में बढ़ोतरी हो सकती है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यूपी में शराब की खपत बीते कुछ वर्षों में तेजी से बढ़ी है. दो साल पहले हर रोज की औसत खपत 85 करोड़ रुपये थी, जो बढ़ चुकी है. यूपी के लोग हर रोज 115 करोड़ रुपये की शराब और बीयर गटक रहे हैं. राज्य में शायद ही कोई ऐसा जिला है, जहां शराब और बीयर की डेली बिक्री ढाई-तीन करोड़ रुपये से कम की है. पिछले कुछ सालों के दौरान राज्य में शराब की खपत तेजी से बढ़ी है. सिर्फ 2 साल पहले राज्य में शराब की औसत खपत हर रोज करीब 85 करोड़ रुपये की थी. प्रदेश के कई जिलों में रोजाना शराब की खपत 10-10 करोड़ रुपये से ज्यादा की है.
वहीं, विभागीय आंकड़ों को देखें तो करीब 28 लाख ऐसे लोग हैं जो कैनेबिस का नशा करते हैं. जबकि 10.7 लाख लोग मादक द्रव्य ले रहे हैं. 3.5 लाख लोग सिडेटिव्स और शामक औषधियों का नशा करते हैं. एक लाख लोग नशे के लिए इंजेक्शन का इस्तेमाल करते हैं. 94 हजार बच्चे इनहेलेंट की गिरफ्त में हैं.
क्यों बढ़ रही खपत?
शराब की खपत बढ़ने के पीछे का कारण माना जाता है, कि लोगों की कमाई बढ़ रही है और उनके जीने स्तर में सुधार हो रहा है. साथ ही धीरे-धीरे शराब की सामाजिक स्वीकार्यता बढ़ रही है और आबकारी विभाग की सख्ती से तस्करी पर अंकुश है.
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