UP Monsoon Session: विकास दुबे का पुलिस एनकाउंटर का सच 4 साल बाद आज सामने आएगा, बिकरू कांड के बाद पलट गई थी गाड़ी
UP Monsoon Session: एक बार फिर से गैंगस्टर विकास दुबे एनकाउंटर मामले की चर्चा हो रही है. दरअसल, बुधवार को विधानसभा के पटल पर जांच आयोग की रिपोर्ट पेश की जाएगी. विकास दूबे एनकाउंटर पर सवाल खड़े हुए थे.
UP Monsoon Session: आज उत्तर प्रदेश में विधानसभा का मानसून सत्र का आज तीसरा दिन है. मंगलवार को सदन में अनुपूरक बजट पेश हुआ. आठ पुलिसकर्मियों की हत्या करने वाले कानपुर के चर्चित विकास दूबे मामले में गठित न्याय आयोग की रिपोर्ट बुधवार को विधानसभा में रखी जायेगी.आज सदन में विकास दूबे एनकाउंटर जांच रिपोर्ट रखी जाएगी. योगी सरकार ने विकास दूबे के एनकाउंटर के बाद रिटायर्ड जस्टिस शशिकांत अग्रवाल के नेतृत्व में एक सदस्यीय जांच आयोग का गठन किया था. इस आयोग की रिपोर्ट आने में देर हुई थी. आज इस बात पर नजर रहेगी की विकास दूबे की जांच रिपोर्ट में क्या है.
मंगलवार को सदन में पास हुआ अनुपूरक बजट
उत्तर प्रदेश सरकार ने मंगलवार को राज्य विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 12,909 करोड़ रुपए से अधिक का अनुपूरक बजट पेश किया. सोमवार को योगी सरकार ने विधानसभा में यूपी विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध (संशोधन) विधेयक 2024 पेश किया. इस विधेयक में लव-जिहाद जैसे कई नए अपराध शामिल किए गए हैं, जिसमें उम्रकैद की सजा का प्रावधान है. इसके अलावा पहले से परिभाषित अपराधों में मिलने वाली सजा को दोगुना तक बढ़ा दिया गया है.
कानपुर बिकरू कांड
कानपुर के चौबेपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत बिकरू गांव में 2-3 जुलाई 2024 की रात पुलिस वांटेंड हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे की गिरफ्तारी के लिए दबिश डालने पहुंची थी. टीम की कमान बिठूर के डीएसपी देवेंद्र मिश्रा संभाल रहे थे. उनके साथ तीन थानों की फोर्स मौजूद थी. इससे पहले कि पुलिस विकास को दबोचती, उसके गैंग ने पुलिस पर धावा बोल दिया. काफी देर तक चली मुठभेड़ में डीएसपी देवेंद्र मिश्रा, एसओ शिवराजपुर महेंद्र सिंह यादव, चौकी प्रभारी मंधना अनूप कुमार सिंह समेत 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे. वारदात के बाद विकास समेत उसके गैंग के सभी बदमाश मौके से भाग गए. देश का यह पहला ऐसा कांड था जब पुलिस ने जवाबी कार्रवाई में सबसे पहले विकास दुबे के कई साथियों का एनकाउंटर किया. उसके बाद 10 जुलाई 2020 को मध्य प्रदेश से वापस कानपुर आते समय कानपुर देहात के समीप अपराधी व माफिया विकास दुबे को पुलिस ने अपनी रक्षा के लिए गोलियों से भून दिया था.
पुलिस ने एनकाउंटर में विकास और उसके 5 गुर्गों को मार गिराया था. इस जघन्य हत्याकांड के 4 साल पूरे होने के बाद अब तक 4 मुकदमों में फैसला आ चुका है. बिकरू कांड में कुल 80 एफआईआर दर्ज की गई थीं. विकास दुबे के परिवार और करीबियों की लखनऊ, कानपुर नगर और देहात में की अचल संपत्तियां सीज़ कर दी गई थीं. लापरवाही बरतने के दोषी 37 पुलिसवालों पर भी विभागीय ऐक्शन हुआ.36 आरोपितों पर गैंगस्टर और 5 आरोपितों पर एनएसए लगाया गया था.