UP News: यूपी के सरकारी स्कूलों की तस्वीर बदलने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. इसी को लेकर अब शिक्षा विभाग ने एक नई पहल की है.  जिसके तहत राजकीय माध्यमिक विद्यालयों की दशा सुधारने के लिए निदेशालय और जिला स्तर पर ग्रुप ए के अफसर कक्षा 6 से लेकर इंटरमीडिएट तक के एक-एक स्कूल को गोद लेंगे. अधिकारियों के कंधों पर इन स्कूलों में सभी सुविधाओं से लैस कर करने और आदर्श बनाने की जिम्मेदारी होगी. 


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अधिकारियों को लिखा गय पत्र
महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा की ओर से इसको लेकर संबंधित अधिकारियों को एक पत्र लिखा गया है. जिसमें कहा गया है कि निदेशालय स्तर के अधिकारी निदेशालय या उसके नजदीक, मंडल स्तर के मंडल और उसके समीप और जिला स्तर के अधिकारी जिले के पास एक विद्यालय का चयन करेंगे. जिसमें बुनियादी जरूरतें पूरी की जानी हों. इनमें केंद्र,राज्य की योजनाओं से सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी. 


20 अगस्त तक देनी होगी जानकारी
जानकारी के मुताबिक अधिकारियों को 20 अगस्त तक स्कूल को गोद लेने संबंधी जानकारी देने के लिए कहा गया है. विभाग की इस पहल का मकसद यह भी है स्कूलों के शिक्षकों, स्थानीय लोगों पर इसका प्रभाव पड़े और वह स्कूलों के विकास में मदद के लिए आगे आएं. समूह क (ग्रुप ए) में निदाशालय स्तर के उप शिक्षा निदेशक, सहायक शिक्षा निदेशक, मंडल स्तर पर मंडलीय शिक्षा निदेशक और जिला स्तर पर डीआईओएएस आदि आते हैं. 


मदरसों में अनिवार्य होंगे ये विषय
यूपी के सभी मदरसों में हिंदी , गणित और सामाजिक विज्ञान अनिवार्य करने की तैयारी में योगी सरकार है. अभी तक मदरसों में सिर्फ उर्दू,अरबी ,फारसी पढ़ाने की छूट है लेकिन अब हिंदी गणित और सामाजिक विज्ञान अनिवार्य करने की तैयारी में है. सरकार मदरसों में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता सुधार करने की भी तैयारी में है. इसके लिए लिए विभाग ने मदरसों को उच्च शिक्षा से संबद्ध करने के लिए एक समर्पित विश्विद्यालय बनाने का भी प्रस्ताव रखा है.


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