UP News : यूपी में बिजली उपभोक्‍ताओं के लिए राहत भरी खबर है. उपभोक्‍ता परिषद ने सभी विद्युत वितरण निगमों से बिजली दर न बढ़ाने की हिदायत दी है. इतना ही नहीं उपभोक्‍ता परिषद ने यह भी कहा है कि विद्युत वितरण निगम फालतू के खर्च कम करके घाटों स उबर सकती है, लेकिन उपभोक्‍ताओं पर भार डालना गलत है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

नियामक आयोग लेगा फैसला 
दरअसल, शनिवार को उत्तर प्रदेश के सभी विद्युत वितरण निगमों में जन सुनवाई पूरी हो गई है. जनसुनवाई के दौरान उपभोक्ता परिषद ने ऐलान किया कि किसी भी कीमत पर बिजली दर नहीं बढ़नी चाहिए. जनसुनवाई के बाद अब विद्युत नियामक आयोग फैसला लेगा कि बिजली दर बढ़ाई जाए या नहीं. माना जा रहा है कि नियामक आयोग सकारात्‍मक फैसला ही ले सकता है. 


मेरठ में हुई सभी निगमों की सुनवाई 
बता दें कि प्रदेश में पावर कॉरपोरेशन के अधीन चल रहे सभी निगमों की अलग-अलग दिन जनसुनवाई हुई है. अंतिम दिन शनिवार को पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम की मेरठ में जनसुनवाई हुई. निगम की ओर से बिजली दर बढ़ाने का प्रस्ताव रखा गया, इस पर उपभोक्ता परिषद ने बिजली दर बढ़ाने के प्रस्‍ताव पर आपत्ति जताई. उपभोक्‍ता परिषद ने कहा कि उपभोक्‍ताओं पर भार डालना गलत है. 


बिजली दर घटाने की मांग 
उपभोक्‍ता पर‍िषद ने उपभोक्ताओं के बकाए 33122 करोड़ का मामला उठाते हुए बिजली दर बढ़ाने के बजाय घटाने की मांग की. उपभोक्‍ता परिषद ने कहा कि लोकसभा से पारित बिजली चोरी के कानून को पावर कॉरपोरेशन के अधिकारी बदलकर 65 फीसदी बिजली चोरी के असेसमेंट को माफ कर देते हैं. इसका खामियाजा उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ता है. 


यह भी पढ़ें : Lucknow news: त्योहारों से पहले किसानों और कुम्हारों को बड़ी सौगात, सीएम योगी ने खत्म किया परमिट राज