Lucknow news: त्योहारों से पहले किसानों और कुम्हारों को बड़ी सौगात, सीएम योगी ने खत्म किया परमिट राज
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Lucknow news: त्योहारों से पहले किसानों और कुम्हारों को बड़ी सौगात, सीएम योगी ने खत्म किया परमिट राज

Lucknow news: उत्तर प्रदेश को उत्तम बनाने के लिए योगी सरकार ने किसानों, कुम्हारों और आम लोगों को एक और तोहफा दिया. यूपी में अब लोग सिर्फ आनलाइन पंजीकृत होकर 100 घनमीटर तक मिट्टी का खनन कर सकेंगे.

Yogi government

लखनऊ: उत्तर प्रदेश को उत्तम बनाने के लिए योगी सरकार ने किसानों, कुम्हारों और आम लोगों को एक और तोहफा दिया. यूपी में अब लोग सिर्फ आनलाइन पंजीकृत होकर 100 घनमीटर तक मिट्टी का खनन कर सकेंगे. प्रशासन और पुलिस से मिट्टी खनन के लिए अनुमति की मांग नहीं की जाएगी. शनिवार को मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने ऐसा आदेश दिया. प्रदेश के किसानों, कुम्हारों और आम लोगों को इस निर्णय से काफी राहत मिलेगी है. 

खनन विभाग की वेबसाइट
मुख्य सचिव द्वारा जारी आदेश में तहसील और थानों के कर्मियों से कहा गया है कि वे इन निर्देशों का कड़ाई से पालन करें. खनन विभाग की वेबसाइट upminemitra.in पर 100 घनमीटर तक मिट्टी खनन और ढुलाई करने वालों को आवश्यक जानकारी भरनी होगी. रजिस्ट्रेशन की प्रति लेकर लोगों को 100 घनमीटर तक जमीन का खनन करना सुरक्षित होगा. इससे अधिक मिट्टी के खनन और परिवहन के लिए अधिक परमिट की आवश्यकता होगी. यह भी कहा गया है कि किसी भी परिस्थिति में मिट्टी को एक स्थान से दूसरे स्थान में ले जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी.

शिकायतों पर आदेश जारी
शासन को इस तरह की शिकायतें लगातार मिल रही थी कि लोगों को अपने खेत से मिट्टी खुदाई करने पर पुलिस और प्रशासन द्वारा अनुमति की मांग करते हुए रोका जा रहा है. इसे देखते हुए मुख्य सचिव ने इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं.

तीन घन मीटक मिट्टी
तीन घनमीटर साधारण मिट्टी को आमतौर पर एक ट्रैक्टर-ट्राली से ढुलाया जाता है, और 100 घनमीटर साधारण मिट्टी को ढुलाई करने के लिए लगभग 33 ट्रैक्टर ट्रालियों का प्रयोग किया जा सकता है. खनन उत्तर प्रदेश उपखनिज नियमावाली-1963 के नियम-3 के अनुसार दो मीटर की गहराई तक सामान्य मिट्टी को निकालना खनन नहीं है. विभाग ने कई कार्यों में पर्यावरणीय अनापत्ति से छूट दी है.

क्या-क्या छूट है
कुम्हारों द्वारा मिट्टी के बर्तन व खिलौनों को बनाने के लिए मिट्टी या बालू की निकासी, किसानों द्वारा बाढ़ के बाद कृषि भूसी से बालू के जमाव को हटाने, और ग्राम पंचायत में स्थित स्नोतों से साधारण मिट्टी और बालू को वैयत्त्किक उपयोग या ग्राम में सामाजिक कार्यों के लिए खनन की छूट है. सड़कों, पाइपलाइनों और अन्य परियोजनाओं के लिए साधारण मिट्टी की निकासी, बांधों, तालाबों, मेंड़ों, बैराजों, नदियों और नहरों की सुरक्षा, आपदा प्रबंधन, और सिंचाई या पेयजल के लिए कुओं की खुदाई की भी छूट है. 

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