लखनऊ: हमको अक्सर ऐसी खबरें सुनने में आती हैं कि बच्चों के व्यवहार से तंग आकर बुजुर्ग मां-बाप, वृद्ध आश्रम या कहीं और अपनी जिंदगी काट रहे हैं. कई बार तो बच्चे अपने बुजुर्ग मां-बाप को रास्ते में ही छोड़ कर चले जाते हैं. मगर अब उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath Government) सरकार एक ऐसा कानून बनाने जा रही है, जो ऐसे बच्चों की अक्ल ठिकाने आ जाएगी. बुजुर्ग माता-पिता का ख्याल नहीं रखने वाली संतान संपत्ति से बेदखल हो सकती है. इसके लिए उत्तर प्रदेश माता-पिता भरण-पोषण एवं कल्याण नियमावली में संशोधन के प्रस्ताव पर कैबिनेट की बैठक में मुहर लग सकती है. यूपी की योगी सरकार संतानों के लिए संपत्ति पर अधिकार की नियमावली में संशोधन करने जा रही है. 


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आज कैबिनेट की बैठक
सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को कैबिनेट की बैठक होगी.  इसमें माता-पिता भरण पोषण नियमावली में संशोधन के लिए बिंदु 22 पर कुछ और उप नियम जोड़े जाएंगे. इसके तहत एसडीएम की अध्यक्षता में गठित ट्रिब्युनल को यह अधिकार होगा कि वह माता-पिता का ध्यान न रखने वाले बच्चों को उनकी संपत्ति से बेदखल कर सकें. इस फैसले को लागू करवाने की जिम्मेदारी भी एसडीएम की होगी जिसमें पुलिस भी मदद करेगी. इस फैसले के खिलाफ अपील डीएम की अध्यक्षता में गठित अधिकरण में की जा सकेगी.  इसके तहत वरिष्ठ नागरिकों का भरण पोषण तथा कल्याण नियमावली 2014 को संशोधित किया जाएगा.


 17 नगर निगमों समेत 19 शहरों में ई-बसें 
प्रदेश सरकार 17 नगर निगमों समेत 19 शहरों में ई-बसें चलाने जा रही है. ये बसें पीएम ई-बस सेवा योजना के तहत चलाई जाएंगी. नगर विकास विभाग के इस प्रस्ताव पर भी कैबिनेट से मंजूरी दी जा सकती है.  इस प्रस्ताव के मुताबिक, शहरों में 150-150, मध्यम शहरों में 100-100 और छोटे शहरों में 50-50 बसें चलाए जाने की योजना है. इसके अलावा शहरी क्षेत्रों में सड़क निर्माण से संबंधित सीएम ग्रिड योजना के नाम से नई योजना को भी मंजूरी दी जा सकती है. इसके अलावा सहकारी गन्ना समितियों और धान-गेहूं खरीद के लिए सहकारी समितियों को सरकारी बैंक गारंटी के प्रस्तावों को भी स्वीकृति मिल सकती है.


सड़क दुर्घटना में मृत्यु पर मिलेगा 5 लाख रुपये मुआवजा
प्रदेश में बन रहे एक्सप्रेस-वे के किनारे औद्योगिक गलियारों के विकास तथा गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे व गंगा एक्सप्रेस-वे को आगे बढ़ाने से संबंधित प्रस्तावों को भी मंजूरी मिल सकती है. सड़क दुर्घटना में यात्रियों की मृत्यु होने पर आश्रितों को पांच लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा. मुआवजा देने से पहले दुर्घटना की जांच की जाएगी. बशर्ते दुर्घटना में उस वाहन चालक की गलती साबित न हो जिसमें यात्री यात्रा कर रहे थे. परिवहन विभाग की ओर से सड़क दुर्घटना जांच योजना लागू की जा रही है. इस होने वाली कैबिनेट बैठक में इसका प्रस्ताव मंजूर हो सकता है.


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