गाजियाबाद:   गाजियाबाद विकास प्राधिकरण जल्द ही मधुबन बापूधाम आवासीय योजना में निर्माणाधीन छह लेन कॉरिडोर के किनारे उद्योग लगाने जा रहा है. इस योजना में कमर्शियल और औद्योगिक भूखंड भी शामिल है. प्रधिकरण की करीब1200 एकड़ में मधुबन  बापूधाम आवासीय  योजना बनाई जा रही है. डासना से प्रस्तावित कॉरिडोर की कनेक्टिविटी दिल्ली-मेरठ राष्ट्रीय राजमार्ग-58 से लोनी-दिल्ली तक की जाएगी. विकास प्रधिकरण की आवासीय योजना में करीब 80 औद्योगिक भूखंड विकसित किए गए है. इन भूखंडों में से अधिकांश का आवंटन कर दिया गया है. शेष भूखंडों को नीलामी के जरिए आवंटित किया जाएगा. कुछ भूखंडों  पर उद्यमियों ने उद्योग भी चलाना शुरू कर दिया है. दो साल में सभी भूखंडों पर उद्योग हो जाएंगे. 


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1200 एकड़ में मधुबन
प्रधिकरण की करीब1200 एकड़ में मधुबन  बापूधाम आवासीय  योजना विकसित की जा रही है. इस योजना में कमर्शियल और औद्योगिक भूखंड भी है. इसी योजना में शहर के बाहरी हिस्से से  दिल्ली-मुरादाबाद 
राष्ट्रीय राजमार्ग-09 को डासना के पास मेरठ रोड राष्ट्रीय राजमार्ग-58 से जोड़ने के लिए 6 लेन कॉरिडोर प्रस्तावित है. इसी कॉरिडोर पर दिल्ली-मेरठ रेलखंड से सटे उद्योग नगरी विकसित करने की प्रधिकरण की योजना है. छोटे और मध्यम उद्योगों के लिए 200 मीटर से लेकर 600 वर्ग मीटर तक के करीब 80 औद्योगिक भूखंड विकसित किए गए है. इन भूखंडों में से अधिकांश का आवंटन कर दिया गया है. शेष भूखंडों को नीलामी के जरिए आवंटित की जाएगी. 


अध्यक्ष अरुण शर्मा 
गाजियाबाद इंडस्ट्रीज फेडरेशन के अध्यक्ष अरुण शर्मा ने बताया कि प्रधिकरण द्वारा पहली बार आवासीय योजना में औद्योगिक भूखंड  विकसित किए गए है. कुछ भूखंडों  पर उद्यमियों ने उद्योग भी चलाना शुरू कर दिया है. दो साल में सभी भूखंडोंन पर उद्योग हो जाएंगे. 


कनेक्टिविटी के मामले में बेहतर 
डासना से लोनी तक प्रस्तावित6 लेन कॉरिडोर के अलावा दिल्ली-मेरठ राष्ट्रीय राजमार्ग -58 से दुहाई के पास और दिल्ली-मुरादाबाद राष्ट्रीय राजमार्ग-09 पर डासना के पास जुड़ रही है. दुहाई में जहां रेलवे स्टेशन भी है, वही नमो भारत रैपिड एक्सप्रेस का मुख्य जंक्शन भी है. 


भू- उपयोग में बदलाव से और लाभ होगा 
इस कॉरिडोर की लंबाई 11.3 किलोमीटर है. इससे कुछ ही दूरी पर ईस्टन पेरिफल एक्सप्रेसवे है. साउथ साइड जीटी रोड औद्योगिक क्षेत्र एसोसिएशन के चेयरमैन हरीओम चौहान के अनुसार कॉरिडोर के किनारे डासना से फरुखनगर और लोनी तक औद्योगिक इकाइयां विकसित हो सकती है. इसके लिए गाजियाबाद विकास प्रधिकरण को  भू- उपयोग  में बदलाव  करना होगा. भू- उपयोग  में बदलाव  करने से मधुबन  बापूधाम के अलावा फरुखनगर और लोनी क्षेत्र  में कॉरिडोर के किनारे काफी संख्या में और उद्योगों को स्थापित किया जा सकता है.


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