Akeli Movie Review in Hindi: 25 अगस्त को रिलीज होने वाली हिंदी फिल्मों की फेहरिस्त में नुसरत भरूचा की फिल्म अकेली भी शामिल है. फिल्म में नुसरत भरुचा ने लीड रोल निभाया है. यह एक ऐसी लड़की की कहानी है जिसे अपने परिवार का कर्जा चुकाने और उसकी परवरिश के लिए इराक में नौकरी करने जाना पड़ता है लेकिन वो यहां ISIS और इराकी फौज के बीच चल रहे युद्ध क्षेत्र में फंस जाती है. फिर वह कैसे भयावह हालातों से गुजरते हुए अपने देश लौटने का संघर्ष करती है पूरी कहानी इसी पर आधारित है. इस एक्शन थ्रिलर फिल्म में नुसरत ने दिल छू लेने वाला शानदार अभिनय किया है.
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Akeli Movie Review : बीते कुछ बरसों में ISIS की भयावहता को लेकर कई कहानियां फिल्मी पर्दे पर उतारी जा चुकी हैं. ऐसी ही एक और फिल्म 25 अगस्त को रिलीज हो रही है.... नाम है अकेली. 'अकेली' एक एक्शन थ्रिलर फिल्म है, जिसका निर्देशन किया है प्रणय मेश्राम ने. अपनी दमदार एक्टिंग के जरिए बॉलीवुड में एक अलग पहचान बनाने वाली नुसरत भरूचा इस फिल्म में मुख्य किरदार निभा रही हैं. दरअसल यह फिल्म उन सभी महिलाओं के लिए श्रद्धांजलि है जिन पर अपने परिवार की जिम्मेदारी है, और जिन्हें हर हाल में किसी तरह से अपने परिवार का भरण-पोषण करना है.
फिल्म का नाम- अकेली
कलाकार- नुसरत भरूचा, त्साही हलेवी और पीलू विद्यार्थी और निशांत दहिया
निर्देशक- प्रणय मेश्राम
निर्माता- नितिन वैद्य, निनाद वैद्य और अपर्णा पड़गांवकर
रिलीज तारीख- 25 अगस्त, 2023
कहां देखें- सिनेमाघरों में
'अकेली' की कहानी
फिल्म की मुख्य किरदार ज्योति यानी नुसरत भरुचा को अपने परिवार पर लदे कर्ज को उतारने और उसका पेट पालने के लिए इराक के मोसुल शहर में नौकरी करने जाना पड़ता है. इराक में ज्योति ISIS और इराकी फौजों के बीच चल रहे युद्ध क्षेत्र में फंस जाती है. यहां उसे अपनी जान बचाने के लिए संघर्ष करना पड़ता है. फिल्म में इराक के मोसुल शहर में 2014 में हुए ISIS के हमले की घटना को दिखाने की कोशिश की गई है. बता दें कि जून 2014 में इराक में ISIS दाखिल हुआ था और उसने सबसे पहले उत्तरी इराक के मोसुल शहर पर अपनी नापाक नजरें गड़ाई थीं. इराक की राजधानी बगदाद से करीब 400 किलोमीटर दूर बसा मोसुल शहर इराक का दूसरा सबसे बड़ा शहर हुआ करता था. जून 2014 में ISIS के हमले में करीब 40 भारतीय भी मारे गए थे और कई भारतीय वहां फंस गए थे, जिन्हें एयरलिफ्ट कर भारत लाया गया था.
चलिये वापस आते हैं फिल्म अकेली की कहानी पर. युद्ध क्षेत्र में फंसी नुसरत भरूचा को ISIS के कमांडर बंदी बना लेते हैं. उसका यौन शोषण करने की कोशिश की जाती है. लेकिन वह हिम्मत नहीं हारती और हालातों का मुकाबला करते हुए अपने देश आने की लड़ाई लड़ती है.
निर्देशन और पटकथा
फिल्म के निर्देशक प्रणय मेश्राम ने कहानी में एक्शन, थ्रिल और सस्पेंस का मसाला डाला है, लेकिन कहानी में कई झोल हैं. कहानी ठीक से गढ़ी और बुनी नहीं गई है. कड़ियों को बेतरतीब ढंग से जोड़ने की कोशिश की गई है. फिल्म में कोई यादगार डायलॉग या सीन भी नहीं है. ऐसा लगता है कि कहानीकार इंटर्नशिप पर है और अभी सीख रहा है, फिर भी फिल्म एक मैसेज देने में कामयाब होती है कि हर हालात का डटकर मुकाबला करते हुए हिम्मत नहीं हरनी चाहिए.
फिल्म देखें या ना देखें
फिल्म की कहानी में कुछ नया नहीं है इससे पहले भी ऐसी कई कहानियां दिखाई जा चुकी हैं. फिल्म में ISIS, कुर्द और इराकी सैनिकों में युद्ध के बीच वहां फंसे सिविलियन के साथ हिंसा, मार-काट और यौन शौषण को दिखाया गया है. केवल नुसरत भरूचा की दिल छू लेने वाली एक्टिंग के लिए फिल्म देखी जा सकती है. वैसे अगर आप अपने पैसे बचाना चाहते हैं तो कुछ हफ्तों का इंतजार करें, फिल्म OTT या दूसरे प्लेटफार्म पर भी देखने को मिल जाएगी, क्योंकि फिल्म में कुछ खास नहीं है, सिर्फ एक गाने के अलावा फिल्म में गीत संगीत के नाम पर कुछ नहीं है. यादगार सीन और डायलॉग्स तो दूर की कौड़ी हैं. इसलिए फिल्म को दो अंक से ज्यादा नहीं दिये जाने चाहिए. लेकिन नुसरत ने फिल्म में अच्छा काम किया है इसलिए मेरी तरफ से फिल्म को पांच में से ढाई अंक.
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