मथुरा: दीपावली पर ब्रज की परंपरा निराली है यहां पर भगवान राधा कृष्ण की नगरी वृंदावन में दीपोत्सव बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है. ब्रज की दीवाली निराली होती है इसमें कोई संदेह ही नहीं है, इसके अलावा चौसर खेलने की परंपरा भी दिवाली के मौके पर काफी रोमांच से भर देने वाला है. दिवाली पर वृंदावन में दीपोत्सव का उल्लास दीपदान करते हुए मनाने का विधान है. बांकेबिहारी के साथ ही वृंदावन के सभी मंदिरों में ठाकुरजी राजा का वेश धारण कर अपने भक्तों को दर्शन देंगे. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

ठाकुर राधा वल्लभलालजी चौसर का खेल खेलेंगे
दिवाली पर राधावल्लभ मंदिर में चांदी की हटरी कोठी नुमा सिंहासन पर ठाकुरजी महाराजा के रूप में विराजमान हो कर दर्शन देंगे. चली आ रही परंपरा के तहत मुरली अवतार श्रीहित हरिवंश महाप्रभु के सेवित राधावल्लभ मंदिर में ठाकुर राधा वल्लभलालजी चौसर का खेल खेलेंगे और कुछ इस तरह दिवाली मनाएंगे. मंदिर में भगवान के सामने चौसर में पासे फेंककर घंटों तक खेल चलेगा. इस खेल में जीत राधारानी की होती है. सेवायत राधावल्लभीय संप्रदाय के रसिक संतों के लिखे पद गाए जाएंगे. वृंदावन के भव्य बांकेबिहारी मंदिर में 31 अक्टूबर को दीपावली मनाई जाएगी.


वृंदावन के किन मंदिरों में कब मनाई जाएगी दिवाली? 
मंदिर सेवायत हित मनमोहन गोस्वामी के मुताबिक दीपावली पर चौसर खेलने की परंपरा श्रीहित हरिवंश महाप्रभु के ज्येष्ठ पुत्र श्रीहित वनचंद्र गोस्वामी द्वारा शुरू की गई. तब से परंपरा चली आ रही है. ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर से लेकर ठाकुर राधारमण मंदिर, रंगजी मंदिर, जन्मस्थान के साथ ही द्वारकाधीश मंदिर में दीपावली 31 अक्टूबर को ही मनाई जाएगी. एक नवंबर को राधावल्लभ मंदिर और नंदगांव के नंदभवन में दिवाली मनाई जाएगी.


और पढ़ें- Mathura News: मथुरा में महाभारत तेज, सीएम योगी के कार्यक्रम में नहीं पहुंचे बीजेपी के महापौर, बोले-अफसर ही नहीं सुनते 


और पढ़ें- Ahohi Ashtami: यूपी के इस कुंड में स्नान की अनोखी मान्यता, निसंतान दंपति की भर जाती है सूनी गोद