मथुरा: उत्तर प्रदेश में मथुरा शहर स्थिति है जहां पर कान्हा जी के अनेक मंदिर हैं. यहां भगवान के रूप में कान्हां कम होते हैं, लला के रूप में अधिक. लेकिन क्या आप जानते हैं कि मथुरा में एक ऐसा मंदिर भी स्थिति है जहां का रहस्य भगवान श्री कृष्ण के जन्म से संबंधित है. श्री कृष्ण ने जहां पर जन्म लिया, जन्म के साक्ष्य आज भी यहां पर मौजूद हैं. ऐसे में इस मंदिर में जन्माष्टमी से एक दिन पहले ही भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव मना लिया जाता है. इस मंदिर के बारे में कई मान्यताएं हैं, जिसके बारे में कम लोगों को पता है. आइए सबकुछ विस्तार से जानते हैं.


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नाती ने मूर्ति जमीन से निकलवाई
श्री कृष्ण जन्म स्थान से सटा एक मंदिर है जोकि केशव कटरा देव का मंदिर है और इसकी अपनी ही एक अलग मान्यता है. मंदिर के पुजारी के मुताबिक कृष्णजी यहां पर विशाल रूप में विराजमान हैं. नियमित केशव देव की पूजा अर्चना की जाती है. द्वापर युग से केशव देव भगवान यहां पर विराजमान हैं. श्री कृष्ण के नाती वज्रनाभ ने भगवान की मूर्ति को स्थापित करवाया, उन्होंने मूर्ति जमीन से निकलवाई थी.


5000 साल पुराना है मंदिर
पुजारी के अनुसार मंदिर 5000 साल पुराना है और जब भगवान का जन्म हुआ था तब से देव जी यही पर विराजमान हुए थे. हम सब भगवान के अंश अवतार हैं. इसे कंस कारागार के तौर पर भी लोग जानते हैं. श्री कृष्ण सप्तमी को जन्में जब वासुदेव गोकुल उन्हें छोड़कर आए, तब हमें अष्टमी को पता चला. मान्यता यह है कि सप्तमी को श्री कृष्ण का जन्म हुआ था. ऐसे में द्वापर कालीन मान्यता को कटरा केशव देव मंदिर में निभाया जा रहा है. ब्रज में चार ऐसे मंदिर हैं, पहला मंदिर मथुरा कटरा केशव देव, दूसरा मंदिर वृंदावन गोविंद देव और तीसरा बलदेव मंदिर दाऊजी, वहीं चौथा मंदिर गोवर्धन हरदेव मंदिर है जोकि कृष्ण कालीन मंदिर हैं.


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