नोएडा-गाजियाबाद क्यों जाना, आगरा-मथुरा के बीच बसेगी शानदार सिटी, जेवर एयरपोर्ट भी दूर नहीं
Raya Heritage City: राया हेरिटेज सिटी को धरातल पर उतारने की तैयारी तेज हो गई है. हेरिटेज सिटी में ब्रज और मथुरा क्षेत्र की सांस्कृतिक विरासत की झलक दिखेगी. इसके बनने के बाद यहां के आसपास का तेजी से विकास होगा.
उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा शहर में विकास की रफ्तार दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. इसी क्रम में यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने मथुरा के अनुसूचित क्षेत्र में हेरिटेज सिटी की स्थापना की योजना बनाई है. यानी मथुरा-वृंदावन के साथ आसपास भी विकास की लहर बहेगी.
राया हेरिटेज सिटी
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राया हेरिटेज सिटी (Raya Heritage City) को धरातल पर उतारने की तैयारी तेज हो गई है. हेरिटेज सिटी में ब्रज और मथुरा क्षेत्र की सांस्कृतिक विरासत की झलक देखने को मिलेगी. इसकी डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) पर शासन की ओर से मुहर लग चुकी है.
अगस्त में रखी जाएगी नींव
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मई 2025 तक हेरिटेज को विकसित करने के लिए कंपनी का चयन भी हो जाएगा. कंसेशन एग्रीमेंट के बाद 90 दिन के अंदर कंपनी को इसका निर्माण शुरू करना होगा. अगस्त में हेरिटेज सिटी की नींव रखी जा सकती है.
कितने एकड़ में बसेगी हेरिटेज सिटी
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हेरिटेज सिटी 735 एकड़ में विकसित की जाएगी. पहले चरण में वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर को यमुना एक्सप्रेसवे से जोड़ने के लिए जीरो पॉइंट से 101 किमी पर बनाए जाने वाले ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे के किनारे 735 एकड़ में हेरिटेज सिटी विकसित होगी.
चलेंगी इलेक्ट्रिक बसें
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राया के इस हेरिटेज सिटी में इलेक्ट्रिक बसें चलाई जाएंगी. बता दें कि बस डिपो का निर्माण 14 एकड़ में प्रस्तावित है. इन बसों के चलने से वायु प्रदूषण की समस्या से लड़ने में मदद मिलेगी. प्राधिकरण के अनुसार बेगमपुर गांव के पास 12 हेक्टेयर में पार्किंग भी बनाई जाएगी.
ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे
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बांके बिहारी मंदिर तक 6.9 किमी लंबे ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे का निर्माण किया जाना है, जो पहले फेस में छह लेन का होगा. इसी के दोनों तरफ हेरिटेज सिटी को बसाया जाएगा.
बनेगा पार्किंग हब
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हेरिटेज सिटी में ट्रेफिक की समस्या को दूर करने के लिए पार्किंग हब बनेगा. हेरिटेज सिटी के पहले चरण में विकास कार्यों पर छह हजार करोड़ और जमीन खरीदने में करीब 1200 करोड़ रुपये खर्च होंगे.
हेरिटेज सिटी बनने के बाद पूरे इलाके में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. जिसके चलते स्थानीय के साथ-साथ राज्य की अर्थव्यवस्था और भी मजबूत होगी. इस सिटी में खूबसूरत ग्रीन जोन के साथ रिवर फ्रंट भी बनाया जा सकता है.
कितने साल में होगा प्रोजेक्ट पूरा
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ये प्रोजेक्ट तीन चरणों में 10 सालों में पूरा किया जाएगा. इसके अंतर्गत 12 गांव आ रहे हैं. पहले और दूसरे फेस में तीन-तीन साल और तीसरे फेस में चार साल की सीमा रखी गई है.
डिस्क्लेमर
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लेख में दी गई ये जानकारी सामान्य स्रोतों से इकट्ठा की गई है. इसकी प्रामाणिकता की पुष्टि स्वयं करें. एआई के काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.
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