Baghpat News: बागपत में तेजबीर नामक युवक की हत्या के आरोप में 4 लोग जेल में हैं. गौरव त्यागी, जो हत्या के आरोप में जेल में है, आरटीआई के माध्यम से जानकारी मांगकर अपनी बेगुनाही साबित की है.
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कुलदीप चौहान/बागपत: बागपत का एक चौंकाने वाला मामला: तेजबीर नामक युवक की हत्या के आरोप में गौरव त्यागी और तीन अन्य को जेल भेजा गया था, लेकिन अब पता चला है कि तेजबीर पाकिस्तान की लाहौर जेल में जिंदा है.
जेल में सजा काटकर जमानत पर बाहर आए गौरव का दावा है कि दो साल पहले पुलिस ने जिस युवक तेजबीर की हत्या के आरोप में उसे जेल भेजा था वह जिंदा है और पाकिस्तान की लाहौर सेंट्रल जेल में बंद है. इसका खुलासा तब हुआ जब पुलिस रिकॉर्ड में मृत तेज़बीर पाकिस्तान में पकड़ा गया. जिसके बाद पाकिस्तान के अधिकारियों ने उसके इतिहास और परिवार के बारे में हिंदुस्तान के अधिकारियों से जानकारी मांगी तो एलआइयू विभाग की टीम तेजवीर के घर पहुंची, तब उन्हें पता चला कि वह तो यहां हिंदुस्तान में मर चुका है तो हत्याआरोपी युवक के घर जाकर भी पूछताछ की.
4 बेगुनाह लोग जेल में बंद
हत्यारोपी के परिवार को जब पता चल की तेजवीर जिंदा है उसके बाद अपनी जानकारी को पुख्ता करने के लिए उन्होंने आरटीआई लगाकर जानकारी मांगी तो उनकी बात सच हो गई. तेजवीर नाम का युवक जिंदा है और पाकिस्तान की सेंट्रल जेल में बंद है. ये आरटीआई के दौरान भारत उच्चायोग को पाकिस्तान की तरफ से जानकारी दी गई. अब हत्यारोपी युवक ने खुद को बेकसूर बताते हुए कोर्ट और एसपी बागपत से न्याय की गुहार लगाई हे. हालांकि अभी तक कोई भी उसकी शिकायत पर संज्ञान लेने को तैयार नहीं. लेकिन इस सनसनीखेज मामले ने एक बार फिर से पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं की अगर तेजवीर जिंदा है तो पुलिस ने कैसे 4 बेगुनाह लोगों को जेल भेज दिया.
जाने पूरी बात
दरअसल तेजवीर गाजियाबाद के मुरादनगर का रहने वाला था. जो बागपत के चांदीनगर थाना क्षेत्र के चामरावल गांव में है. गौरव त्यागी के यहां डेरी पर नौकरी करने के लिए आया था. 7 तारीख 2022 को तेजवीर बागपत से संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हो गया था. इसके बाद गाजियाबाद के डिंडोली में एक अज्ञात युवक का शव पड़ा हुआ मिला था. तब तेजवीर के परिजनों ने मौके पर जाकर मृतक की शिनाख्त तेजवीर के रूप में की और उसकी हत्या का आरोप गौरव त्यागी और उसके तीन अन्य साथी बिट्टू ,सतीशऔर सत्येंद्र पर लगाया. परिजनों की शिकायत पर चांदीनगर थाना पुलिस ने हत्या का मुकदमा दर्ज करते हुए गौरव त्यागी और उसके सभी साथियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. लेकिन इसी बीच तेजवीर पिता तेजपाल पाकिस्तान के लाहौर में पकड़ा गया.
पाकिस्तान के अधिकारियों ने भारत सरकार से तेजवीर के बारे में जानकारी मांगी तो एलआइयू तेजवीर के बारे में जानकारी जुटाना के लिए उसके गांव मुरादनगर के मनिकपुर सवितनगर पहुंची. तब पता चला कि जो तेजवीर पाकिस्तान जेल में बंद है, उसकी हिंदुस्तान के रिकॉर्ड में तो मौत हो गई है. जिसके बाद एलआइयू ने हत्यारोपी गौरव त्यागी के परिजनों से घर जाकर भी पूछताछ की. तब हत्या में जेल में बंद गौरव त्यागी को पता चला कि वह जिसकी हत्या के आरोप में सजा काट रहा है वह लाहौर में जिंदा है. अपनी जानकारी को पुख्ता करने के लिए उसने आरटीआई लगाकर सरकार और पाकिस्तान उच्च आयोग के नाम लेटर लिखकर जवाब मांगा जिस पर पाकिस्तान उच्च आयोग ने भी लेटर लिखकर गवाही दी है कि तेजवीर उर्फ तेजपाल नाम का युवक उनकी जेल में बंद है और जिंदा है.
गौरव त्यागी कि गुहार
गौरव त्यागी ने गुहार लगाई कि 'मैं बेगुनाह हु और मैने किसी की हत्या नहीं की है. जिस तेजवीर नाम के युवक की हत्या के आरोप में सजा काट रहा हु वो पाकिस्तान की लाहौर सेंट्रल जेल में बंद है और जिंदा है' बागपत एसपी और कोर्ट से कुछ ऐसी ही गुहार लगाई है हत्या के मामले में सजा काट रहे गौरव त्यागी ने.
पुलिस एक बार फिर कटघरे में
हत्यारापी गौरव ने बताया कि उसने पाकिस्तान के अधिकारियों से आरटीआई के माध्यम से जानकारी मांगी थी. जिसमें उन्होंने जवाब दिया है कि तेजवीर तेजपाल नाम का युवक उनके यहां जेल में बंद है. साथ ही उसने दावा किया है कि डीएनए रिपोर्ट में भी मृतक और परिजनों का डीएनए मैच नहीं हुआ है. पुलिस ने अज्ञात बॉडी का डीएनए लेकर जांच के लिए भेजा था. उस रिपोर्ट में भी मृतक का डीएनए मैच नहीं खाया है. अब हत्या आरोपित युवक खुद को निर्दोष बता रहा है और पुलिस और परिजनों को दूसरी ठहराते हुए खुद को बेगुनाह करार देने और जेल से रिहा करने की गुहार लगा रहा है. लेकिन अगर गौरव त्यागी के दावों में दम है और पाया जाता है कि जिसकी हत्या के आरोप में वह सजा काट रहा है वह जिंदा है. अब पुलिस एक बार फिर से कटघरे में आकर खड़ी हो जाएगी, क्योंकि चांदीनगर पुलिस ने जांच के बाद ही गौरव त्यागी को जेल भेजा था. अब सवाल खड़े हो रहे हैं कि कैसे पुलिस एक व्यक्ति को जांच के मृतक साबित कर सकती हैं जो कि पाकिस्तान में जिंदा है. उसकी हत्या के आरोप में चार लोगों को बिना किसी जांच के कैसे जेल भेजा जा सकता हे. आखिर पुलिस ने इन चारों युवकों को जेल भेजने से पहले डीएनए रिपोर्ट का इंतजार क्यों नहीं किया. यह तमाम सवाल है जिनका जवाब बागपत पुलिस को सामने आकर देना होगा.
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