Bijnor News/राजवीर चौधरी: बिजनौर जिले में गुलदार के हमलों से ग्रामीणों को बचाने के लिए वन विभाग ने एक विशेष जागरूकता अभियान चलाया. जिले के 10 गांवों में जाकर ग्रामीणों को न केवल सुरक्षा के उपाय बताए गए, बल्कि खेतों में काम करने वाले किसानों और मजदूरों को निशुल्क मुखौटे भी वितरित किए गए. 


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गुलदार के हमले बढ़ते जा रहे हैं
बिजनौर जिले में गुलदार के हमले चिंता का विषय बने हुए हैं. अब तक गुलदार के हमलों में 26 से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं, जबकि सैकड़ों लोग घायल हो चुके हैं. इन हमलों से बचने और मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने के लिए वन विभाग लगातार काम कर रहा है. 


मुखौटे क्यों हैं जरूरी?
विशेषज्ञों का मानना है कि गुलदार आमतौर पर पीछे से हमला करता है. मुखौटा पहनने से उसे ऐसा प्रतीत होता है कि व्यक्ति की नजर गुलदार पर है, जिससे हमले की संभावना कम हो जाती है. इसलिए वन विभाग ने किसानों को खेतों में काम करते समय मुखौटा पहनने की सलाह दी है.


कैसे चलाया गया अभियान?
वन विभाग की टीम ने गांव-गांव जाकर ग्रामीणों को मुखौटे वितरित किए और गुलदार के हमलों से बचने के उपाय बताए, उन्हें यह भी सिखाया गया कि मुखौटे को सही तरीके से कैसे पहना जाए. इस दौरान ग्रामीणों को खेतों में अकेले न जाने, सतर्क रहने और झाड़ियों में आवाज़ सुनाई देने पर तुरंत सतर्क होने की सलाह दी गई.  साथ ही, वन विभाग ने गांवों में पिंजरे लगाए हैं और गुलदार को पकड़ने के लिए विशेष अभियान चला रहा है. 


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