Meerut/Paras Goyal: मेरठ की मशहूर सेंट्रल मार्केट पर संकट के बादल छा गए हैं. सेंट्रल मार्केट के कोर्ट केस के प्रकरण में अब सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के 10 साल पहले के आदेश को बहाल रखा है.  2014 में हाईकोर्ट ने जो फैसला सुनाया था सुप्रीम कोर्ट ने उसे बरकरार रखा है. कोर्ट ने  भूखंड 661/6 के अवैध निर्माण के ध्वस्तीकरण का आदेश दिया गया है. इस भूखंड पर कुल 22 दुकानें बनी है. आवास विकास द्वारा आवंटित यह प्लॉट रेजिडेंशियल पर्पज के लिए था जबकि इस जगह पर एक कमर्शियल कॉम्पलेक्स खड़ा हो गया है. इसी को लेकर अब सुप्रीम कोर्ट ने ध्वस्तीकरण के आदेश जारी कर दिए हैं.


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सुप्रीम कोर्ट के आदेश से 1500 दुकानों पर संकट 
वहीं सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब सेंट्रल मार्केट की डेढ़ हजार दुकानों पर भी संकट के बादल छा गए हैं. जस्टिस आर महादेवन की बेंच ने अपने फैसले के जरिए शास्त्री नगर विकास योजना के तहत आवासीय क्षेत्र में भू उपयोग परिवर्तन कर दिए गए सभी निर्माण को अवैध बताया है. उन्हें ध्वस्त करने का आदेश दिया है. कोर्ट की ओर से अब भवनों के मालिकों को परिसर खाली करने के लिए 3 महीने का वक्त दिया गया है. इसके दो हफ्ते बाद आवास विकास परिषद अवैध निर्माण को ध्वस्त करेगा. 


22 परिवारों पर पालन-पोषण का संकट
व्यापारियों की मानें तो अब वह इस आदेश के बाद सुप्रीम कोर्ट में ही एक मर्सी अपील दाखिल करेंगे. वहीं व्यापारियों को यह चिंता भी है कि अब 22 परिवारों का पालन पोषण कैसे होगा. आवास विकास के चीफ इंजीनियर राजीव कुमार के मानें तो सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन किया जाएगा.


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