Kanwar Yatra: मुस्लिम दुकानदारों ने होटल-ढाबे या ठेले पर हिन्दू नाम रखा तो खैर नहीं, यूपी के इस जिले में नया फरमान
Muzaffarnagar News: कांवड़ यात्रा को लेकर जिला प्रशासन ने ये आदेश जारी किया है कि हिन्दू देवी देवताओं के नाम पर मुस्लिम दुकानदार अपनी दुकानों के नाम नहीं चलाएंगे. उन्हें दुकानों पर अपना असली नाम लिखना होगा.
अंकित मित्तल/मुजफ्फरनगर: उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा के अब कुछ दिन ही रह गए हैं, ऐसे में पुलिस प्रशासन की ओर से नित नए आदेश आ रहे हैं. ऐसा ही एक अजीबोगरीब फरमान मुजफ्फरनगर जिला प्रशासन की ओर से आया है. उसने मुस्लिम दुकानदारों से धर्म छिपाकर हिन्दू देवी देवताओं के नाम पर दुकान का नाम न रखने की चेतावनी दी है. मुस्लिम दुकानदारों से होटल-ढाबे औऱ यहां तक कि ठेले पर भी मुस्लिम दुकानदार अपनी पहचान जाहिर करें.
इस बार सावन मास के पावन पर्व पर 22 जुलाई से कावड़ यात्रा शुरू होने जा रही है. कांवड़ यात्रा का अहम पड़ाव मुजफ्फरनगर जनपद भी है. मुजफ्फरनगर जिला प्रशासन ने कावड़ यात्रा को लेकर एक नया आदेश भी जारी किया गया है. इसमें कहा गया है कि कावड़ यात्रा में खानपान की दुकान होटल ढाबे, ठेले जहां से शिवभक्त कांवड़िए खाद्य सामग्री खरीद सकते हैं, वह अपनी अपनी दुकानों पर प्रोपराइटर या फिर काम करने वाले के नाम को जरूर लिखें. इससे कावड़ियों में किसी प्रकार का कोई संदेह ना हो, जो विवाद के हालात उत्पन्न कर सके. प्रशासन के ये आदेश धरातल पर भी दिखाई देने लगे हैं. इसके चलते फलों का ठेला लगाने वाले अब अपने ठेलों पर अपने अपने नाम के पोस्टर भी लगाए दिखाई दे रहे है.
कांवड़ मेले के दौरान शिव भक्त कांवड़िये हरिद्वार हर की पौड़ी से गंगाजल उठाकर मुजफ्फरनगर से होते हुए हरिद्वार की ओर प्रस्थान करते हैं. मुजफ्फरनगर जनपद से ही दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और यूपी के जिलों से कांवड़ियां गुजरता है. कांवड़ यात्रा के बीच नजर मुजफ्फरनगर जनपद मुख्य केंद्र है.
कांवड़ मेले को लेकर मुजफ्फरनगर एसएसपी अभिषेक सिंह का कहना है कि देखिये कावड़ की तैयारी शुरू हो गई है. जिले में लगभग 240 किलोमीटर का कांवड़ मार्ग है. ऐसे में जितनी भी खान-पान की दुकानें हैं चाहे वह होटल, ढाबे या ठेले हैं, जहां से भी कांवड़ियां अपनी खाद्य सामग्री खरीद सकते हैं. उन सबको कहा गया है कि अपने प्रोपराइटर या काम करने वालों के नाम जरूर प्रदर्शित करें, इससे किसी भी कांवड़ियों के अंदर कोई भ्रम ना रहे और कहीं कोई आरोप-प्रत्यारोप के हालात पैदा न हों. कानून व्यवस्था को ठीक बनाए रखने के लिए ऐसा किया गया है.
इससे पहले, यूपी के मंत्री कपिल देव अग्रवाल और लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने यह मुद्दा उठाया था. उन्होंने मजहब को छिपाकर होटल ढाबे का नाम जनता वैष्णो ढाबा, साईं ढाबा, कृष्णा होटल आदि आदि रखने को लेकर सवाल उठाए थे. उन्होंने पुलिस प्रशासन से इस पर कार्रवाई करने को कहा था.
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