Muzaffarnagar News: `माननीय` नहीं सुधरने देंगे शहर! `मंत्री से संतरी` तक कर रहे सिफारिशी कॉल
UP News: मुजफ्फरनगर शहर की सड़कों पर जाम की समस्या को सुलझाने की कोशिश में यातायात विभाग ने अवैध ई-रिक्शाओं के खिलाफ अभियान चलाया. पढ़िए पूरी खबर ...
Muzaffarnagar News/अंकित मित्तल: मुजफ्फरनगर शहर की सड़कों पर जाम की समस्या को सुलझाने की कोशिश में यातायात विभाग ने अवैध ई-रिक्शाओं के खिलाफ अभियान चलाया. लेकिन जैसे ही अधिकारियों ने इन वाहनों को जब्त करना शुरू किया. उनके फोन लगातार बजने लगे. चाहे सत्ताधारी नेता हों या विपक्ष के प्रतिनिधि, हर कोई सिफारिशी कॉल्स कर रहे थे. यहां तक कि किसान यूनियन के पदाधिकारी भी अधिकारियों पर दबाव डालने लगे.
ई-रिक्शाओं का मकड़जाल और शहर की तंग गलियां
शहर में अवैध रूप से चल रहे सैकड़ों ई-रिक्शाओं की धर-पकड़ के बाद यातायात विभाग ने उन्हें पुलिस लाइन भिजवाना शुरू किया. लेकिन इससे भी सिफारिशों का सिलसिला नहीं रुका. एक कॉल खत्म होती नहीं थी कि दूसरी कॉल वेटिंग में आ जाती. दो दिन तक चले इस अभियान के बाद अधिकारियों को इसे रोकना पड़ा. लेकिन सिफारिशों का दौर अब भी जारी है.
210 ई-रिक्शा सीज, ढील भी दी गई
यातायात एसपी अतुल चौबे ने बताया, “हमारे द्वारा अवैध ई-रिक्शाओं के खिलाफ अभियान चलाया गया. इस दौरान कुल 210 अवैध ई-रिक्शाओं को सीज किया गया. अभियान फिलहाल स्थगित किया गया है. लेकिन समय-समय पर इसे जारी रखा जाएगा.”
शपथ-पत्र के बदले चेतावनी
जब्त की गई ई-रिक्शाओं को छोड़ने की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है. लेकिन केवल उन्हीं वाहनों को छोड़ा जा रहा है जिनके कागजात पूरे हैं.
ई-रिक्शा मालिकों से 10 रुपये के स्टांप पेपर पर शपथ-पत्र लिया जा रहा है. जिसमें यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि वे अवैध रूट पर रिक्शा नहीं चलाएंगे. इसके बाद ही उन्हें हिदायत देकर ई-रिक्शा वापस किया जा रहा है.
TI से उलझे BJP नेता, वीडियो वायरल
शहर के शिव चौक पर यातायात TI इंद्रजीत सिंह ई-रिक्शा चालकों को चेतावनी दे रहे थे. तभी बीजेपी के एक नेता उनसे उलझ पड़े. कथित नेता जी ने टीआई को गरीब ई-रिक्शा चालकों को परेशान करने का आरोप लगाया. यह झगड़ा इतना बढ़ा कि नेता जी ने अपने 'आका' को फोन मिला दिया और टीआई के खिलाफ 'अनाप-शनाप' बातें करने लगे. मौके पर मौजूद लोगों ने इस घटना का वीडियो बना लिया और सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया. इसके बाद कथित नेता जी की काफी फजीहत हो रही है.
सिफारिशों की बाढ़ से जूझते अधिकारी
यातायात विभाग के अधिकारियों के लिए ई-रिक्शाओं की धर-पकड़ अब एक राजनीतिक सिरदर्द बन चुकी है. सत्ताधारी और विपक्षी नेताओं से लेकर किसान यूनियन के पदाधिकारी तक अपने-अपने पक्ष में सिफारिशें कर रहे हैं.
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