उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल अथॉरिटी ने राइडिंग क्वालिटी और कंफर्ट टेस्ट के लिए इनोवा कार में कई सेंसर और डिवाइस लगाकर तैयार किया है.
इसका ट्रायल ग्रेटर नोएडा के बुद्धा इंटरनेशनल सर्किट, जेपी स्पोर्ट्स सिटीके रेस ट्रैक पर किया गया. इसके बाद यह एक्सप्रेसव वे पर उतरेगा.
स्पेशल सेंसरयुक्त वाहन को एक्सप्रेसवे पर चलाकर देखा जाएगा. जिससे पता चल सके कि इसमें कितनी स्पीड पर कितने झटके लगते हैं या वाहन में कितना उछाल आता है. सबसे पहले इसे गंगा एक्सप्रेसवे पर चलाया जाएगा.
गंगा एक्सप्रेसवे को हाईटेक सुविधाओं से लैस किया जाएगा. जिसमें आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर, कस्टम यूजर इंटरफेस और क्लाउड स्टोरेज जैसी हाईटेक सुविधाएं मिलेंगी.
गंगा एक्सप्रेस वे के अलावा, आगरा लखनऊ एक्सप्रेसवे, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे और गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे पर भी किया जाएगा.
गंगा एक्सप्रेस-वे मेरठ से प्रयागराज के बीच बन रहा है. यह एक्सप्रेसवे करीब 594 किलोमीटर लंबा है. गंगा एक्सप्रेस-वे के दूसरे चरण को लेकर भी तैयारियां शुरू हो गई हैं.
गंगा एक्सप्रेस-वे योगी सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट्स में से एक है, जिसका निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है. दिसंबर तक मेरठ में गंगा एक्सप्रेस- का काम पूरा होने की उम्मीद है.
2025 प्रयागराज कुंभ मेले से पहले इसे पूरा कर लेने का लक्ष्य रखा गया है. सबकुछ ठीक रहा तो फरवरी 2025 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसका लोकार्पण कर सकते हैं.
गंगा एक्सप्रेस-वे का निर्माण मेरठ से प्रयागराज के बीच किया जा रहा है, जो करीब 594 किलोमीटर लंबा है. एक्सप्रेसवे के निर्माण के बाद मेरठ से प्रयागराज तक का सफर महज 6 घंटें में पूरा होगा. अभी इसमें 11 घंटे से ज्यादा समय लगता है.
गंगा एक्सप्रेस-वे मेरठ से शुरू होकर हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ के बाद प्रयागराज में पूरा होगा.
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