देहरादून: द्वाराहाट से बीजेपी विधायक महेश नेगी पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली महिला पर शिकंजा कसता नजर आ रहा है. अब बाल अधिकार एवं संरक्षण आयोग ने DNA टेस्ट करने वाली लैब के खिलाफ जांच करने के आदेश दिए हैं. आयोग ने उस डॉक्टर के खिलाफ भी जांच के आदेश दिए हैं जिसने डीएनए टेस्ट कराने की सलाह दी.


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आयोग ने दिया राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश का हवाला
बाल आयोग ने एसएसपी देहरादून को राजस्थान हाईकोर्ट के उस आदेश का हवाला देते हुए कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं जिसमें बिना कोर्ट की मंजूरी के किसी नाबालिग का DNA टेस्ट नहीं किया जा सकता है.


बता दें कि विधायक पर आरोप लगाने वाली महिला ने डीएनए जांच का हवाला देते हुए कहा था कि उसके पति से उसकी बेटी के डीएनए का मिलान नहीं हुआ है. महिला ने इसके बाद बीजेपी विधायक के साथ अपने संबंधों का हवाला देते हुए महेश नेगी और बच्चे के डीएनए टेस्ट कराने और उसका मिलान करने की मांग देहरादून पुलिस से की थी.


महिला आयोग में भी पेश नहीं हुई थी महिला
यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली महिला ने महिला आयोग में भी न्याय की गुहार लगाई. लेकिन पहली पेशी में वह खुद पेश नहीं हुई.


क्या है पूरा मामला
बीजेपी विधायक की पत्नी ने देहरादून के थाना नेहरू कॉलोनी में एक महिला पर ब्लैकमेलिंग का आरोप लगाते हुए FIR दर्ज कराई थी, जिसके बाद उक्त महिला ने विधायक पर यौन शोषण का आरोप लगाते हुए एक वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था. वीडियो के जरिए महिला ने दावा किया था कि बीजेपी विधायक और उसकी एक बेटी भी है. इसको साबित करने के लिए वह DNA टेस्ट के लिए तैयार है. महिला ने थाने में तहरीर देकर महेश नेगी पर उसके साथ कई बार बलात्कार करने का आरोप भी लगाया था.


दुष्कर्म के आरोपों से घिरे विधायक महेश नेगी ने मामले की सत्यता सामने लाने के लिए अपना और आरोप लगाने वाली महिला का नार्को टेस्ट कराने की मांग की है. विधायक ने जांच अधिकारी को पत्र लिखकर नार्को टेस्ट कराने की मांग की. विधायक ने पत्र में लिखा है कि नार्को टेस्ट का खर्चा वह स्वयं ही उठाने के लिए तैयार हैं. इससे पहले विधायक से पुलिस भी पूछताछ कर चुकी है. महिला और उसका पति भी पुलिस के सामने पेश हो चुके हैं.


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