लॉकडाउन: विधायक ने बचाई जान, युवक के साथ एक सांप को लेकर पहुंच गए अस्पताल
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लॉकडाउन: विधायक ने बचाई जान, युवक के साथ एक सांप को लेकर पहुंच गए अस्पताल

जिंदगी और मौत के बीच जंग की ये कहानी बहराइच के बालासराय गांव  की है. वहां पर धर्मेंद्र नाम का एक 30 साल का नौजवान अपने घर पर बैठा हुआ था. अंधेरा घिर चुका था और जैसा कि गांव के माहौल में होता है कम रौशनी की वजह से दिखना भी कम हो गया था.

फाइल फोटो

राजीव शर्मा/बहराइच: जिंदगी और मौत के बीच जंग की ये कहानी बहराइच के बालासराय गांव  की है. वहां पर धर्मेंद्र नाम का एक 30 साल का नौजवान अपने घर पर बैठा हुआ था. अंधेरा घिर चुका था और जैसा कि गांव के माहौल में होता है कम रौशनी की वजह से दिखना भी कम हो गया था. इस बीच दुनिया में पाए जाने वाले सबसे जहरीला सांप करैत धर्मेंद्र के घर की चौखट पर आ डटा था. धर्मेंद्र अपने घर की चौखट पर जहरीले करैत की मौजूदगी से अनजान था. उसने करैत को देखे बिना जैसे ही अंधेरे में कदम आगे बढ़ाया, सांप ने बहुत ही फुर्ती के साथ उसे डस लिया. आगे जो  हुआ वो बहुत ही हैरान कर देने वाली दास्तां है....

गांव में रहते हुए धर्मेंद्र को समझ थी कि एक जहरीले सांप के काटने से क्या होता है. करैत के डसने के बाद वो बहुत परेशान हो गया और उसे सूझ नहीं रहा था कि वो क्या करे. आखिरकार उसे एक हल सूझ गया. उसने हिम्मत दिखाते हुए सांप को एक डिब्बे में बंद कर लिया और फौरन ही डॉक्टर की मदद लेने का फैसला किया लेकिन अब सवाल ये था कि डॉक्टर तक फौरन कैसे पहुंचा जाए. कोरोना के संक्रमण की वजह से बहराइच में पुलिस ने बहुत सख्ती कर रखी थी, इसलिए धर्मेंद्र ने अपने इलाके के विधायक की मदद लेने की सोची.      

धर्मेंद्र का गांव बालासराय बहराइच के महसी विधानसभा क्षेत्र में आता है जहां से सुरेश्वर सिंह विधायक हैं. धर्मेंद्र ने फौरन विधायक सुरेश्वर सिंह को फोन किया और उन्हें पूरे हालात बताए. विधायक ने भी मौके की नजाकत को समझा और फौरन अपनी गाड़ी ले कर धर्मेंद्र के घर पहुंच गए. आनन फानन में धर्मेंद्र सांप के डिब्बे समेत विधायक सुरेश्वर सिंह की गाड़ी पर सवार हो गया और उसके बाद सभी बड़ी तेजी से अस्पताल पहुंच गए. अस्पताल में सांप के साथ पहुंचे विधायक और युवक को देखकर डॉक्टर भी हैरान रह गए. बहरहाल फौरन ही युवक की जांच की गई और उसका इलाज शुरू कर दिया गया. डॉक्टर ने धर्मेंद्र को करैत के जहर का एंटीडोट दिया जिसके बाद उसकी हालत स्थिर होने लगी. हालांकि डॉक्टरों का भी मानना था कि अगर विधायक ने फौरन ही उसे अस्पताल नहीं पहुंचाया होता तो धर्मेंद्र की जान खतरे में पड़ सकती थी. 

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