Azam Khan acquitted: समाजवादी पार्टी नेता आजम खान को एमपी एमएलए कोर्ट ने आचार संहिता उल्लंघन के एक बड़े मामले में बरी कर दिया है. सपा नेता और पूर्व सांसद आजम खान को आचार संहिता उल्लंघन के मामले में कोर्ट से यह राहत मिली है. एमपी-एमएलए मजिस्ट्रेट कोर्ट ने आजम खान को इस मामले में बरी कर दिया. सीतापुर जेल में बंद आजम खान की पेशी वर्चुअल माध्यम से हुई. यह मामला 2019 के लोकसभा चुनाव का है. जब आजम खान सपा के प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ रहे थे. आरोप था कि उन्होंने आचार संहिता का उल्लंघन करते हुए अपने वाहन को मतदान केंद्र पर ले जाकर अनुचित तरीके से दबाव बनाने की कोशिश की थी. इस आरोप के तहत उनके खिलाफ गंज कोतवाली में केस दर्ज किया गया था.


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आजम खान के खिलाफ सौ से अधिक मामले दर्ज हैं. इसमें बेटे की दो जन्मतिथि से जुड़ा केस और जौहर यूनिवर्सिटी का मामला भी है. आजम की सदस्यता भी ऐसे ही मामलों में सजा के कारण जा चुकी है. इनमें से कई मामलों में उन्हें सजा भी हो चुकी है. वहीं इससे पहले जून 2024 में उन्हें डूंगरपुर केस में भी बरी किया जा चुका है. उनके बेटे अब्दुल्ला आजम और बीवी तंजीन फातिमा भी कई केस में शामिल हैं. तंजीन फातिमा को हाल ही में जमानत मिल चुकी है और वो जेल से बाहर आई थीं.


आजम खान का कहना है कि उन्हें राजनीतिक विद्वेष के तहत ऐसे मामलों में फंसाया गया है. हालांकि पिछले कुछ समय में लगातार आए कोर्ट के कुछ फैसलों में जहां उन्हें राहत मिली है तो कई मामलों में 3 से सात साल तक की सजा भी हुई है. सपा प्रमुख अखिलेश यादव भी आरोप लगा चुके हैं कि आजम खान का उत्पीड़न किया जा रहा है. हालांकि आजम खान के खिलाफ कई शिकायत करने वाले बीजेपी नेता आकाश सक्सेना का कहना है कि सपा नेता को उनके अपराधों की सजा मिली है. 


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