सुनील सिंह/संभल:  यूपी के संभल जिले में सरकारी प्राथमिक स्कूल में मोबाइल फोन पर कैंडी क्रश गेम खेलने के मामले में टीचर के निलंबन की सख्त कार्यवाही के बाद अब डीएम राजेंद्र पेंसिया ने सरकारी परिषदीय स्कूलों के लिए नया फरमान जारी किया है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

नमस्ते" या "जय हिंद" कहने की पहल शुरू
बेसिक शिक्षा विभाग के परिषदीय विद्यालयो में अब महिला शिक्षकों को "मैडम" की जगह "दीदी या बहन जी" कहकर बुलाया जाएंगा. वहीं पुरुष शिक्षकों के लिए "गुरुजी" शब्द का इस्तेमाल होगा. इसके अलावा परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चे शिक्षकों को "नमस्ते" या "जय हिंद" कहेंगे. डीएम के निर्देश पर शिक्षा विभाग ने नई पहल को शुरू करते हुए परिषदीय विद्यालयों को आदेश जारी कर दिया है.


दीदी और बहन जी का नियम लागू
संभल जिले की बीएसए अलका शर्मा ने बताया कि, भारतीय संस्कृति की झलक परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों तक पहुंचे इसके लिए डीएम के निर्देश पर जिले भर के सभी परिषदीय विद्यालयों को एक आदेश जारी किया गया है. इस आदेश के तहत परिषदीय विद्यालय की महिला शिक्षिकाओं को अब दीदी अथवा बहन जी कहकर संबोधित किया जाएंगा. जबकि पुरुष शिक्षकों के लिए गुरुजी शब्द का इस्तेमाल होगा.


पान ,सिगरेट, तंबाकू पीना निषेद
पुरातन संस्कृति को जमीन पर उतारने के लिए यह कवायद शुरू की जा रही है, इस कदम से बच्चों के भीतर शिक्षकों के प्रति सम्मान बढ़ेगा उन्होंने बताया कि स्कूली बच्चों के अलावा स्कूल का निरीक्षण करने आने वाले अधिकारी भी शिक्षकों को दीदी, बहन जी और गुरु जी कहकर संबोधित करेंगे. इसके अलावा विद्यालय समय में कोई भी शिक्षक पान ,सिगरेट, तंबाकू आदि का इस्तेमाल नहीं करेगा. यदि कोई भी शिक्षक इनका इस्तेमाल करते पाया गया तो संबंधित शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएंगी.


जींस शर्ट पहनना मना
यही नहीं विद्यालय में प्लास्टिक की बोतलों का इस्तेमाल पूरी तरह से वर्जित रहेगा अगर कोई भी इनका इस्तेमाल करता है तो उस पर अर्थदंड की कार्रवाई की जाएंगी. जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अलका शर्मा ने बताया कि, विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चे अपने शिक्षकों को नमस्ते या फिर जय हिंद कहेंगे. उन्होंने बताया कि जय हिंद कहने से बच्चों के मन में राष्ट्र प्रेम की भावना जागृत होगी और इससे हर बच्चे देश के लिए कुछ सोच पाएंगे. इसके अलावा विद्यालय में आने वाले पुरुष और महिला शिक्षक जींस शर्ट आदि पहन कर नहीं आएंगे बल्कि भारतीय परिधान पहनकर ही स्कूल में आएंगे.


जूते चप्पल उतारे बाहर
अलका शर्मा ने बताया कि, विद्यालय एक मंदिर की तरह होता है इसलिए जैसा आचरण हम मंदिर में करते हैं वैसा ही आचरण विद्यालय में भी अपनाएगो. बीएसए ने बताया कि, विद्यालय के कक्ष में शिक्षक और बच्चे जूते पहन कर नहीं जाएं. बल्कि जूते या चप्पल कक्ष से बाहर निकाल कर ही भीतर जाएं. बीएसए ने बताया कि कोई भी अधिकारी किसी भी विद्यालय का निरीक्षण करने जाता है तो वह प्रधानाचार्य की कुर्सी पर नहीं बैठेगा बल्कि शिक्षकों से शिष्टाचार के साथ चर्चा करेगा.


ये भी पढ़े- यूपी बीजेपी की हार का कौन जिम्मेदार, लखनऊ में महामंथन के पहले आज बैठक करेंगे प्रदेश भाजपा के महारथी