Sambhal Jama Masjid Inside Story: संभल स्थित शाही जामा मस्जिद को हिंदू पक्ष ने श्रीहरिहर मंदिर होने का दावा किया है. इतना ही नहीं कोर्ट ने जामा मस्जिद परिसर का सर्वे कराने का आदेश दिया है. इसके बाद जामा मस्जिद को लेकर सियासी बयानबाजी भी शुरू हो गई. तो आइये जानते हैं शादी जामा मस्जिद का इतिहास?. 


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जामा मस्जिद का इतिहास? 
जानकारी के मुताबिक, संभल स्थित जामा मस्जिद को बाबरी मस्जिद भी कहा जाता है. इसे 1529 में मुगल शासक बाबर के आदेश के पर मीर बेग द्वारा बनवाया गया था. यह इमारत संभल के सबसे पुराने स्मारकों में एक है. जामा मस्जिद बाबरी मस्जिद के नाम से भी मशहूर है. कहा जाता है कि बाबर ने मस्जिद के निर्माण में स्‍वयं पहला पत्‍थर रखा था. इसे मुगल शैली में तैयार किया गया था. 



संभल की जागीर सौंपी 
कहा जाता है कि संभल की जागीर बाबर के आक्रमण के समय अफगान सरदारों के हाथ में थी. बाबर ने हुमायूं को संभल की जागीर सौंप दी थी. हालांकि वह बीमार हो गया, इसके चलते उसे आगरा लाया गया. बाबर के बाद हुमायूं ने साम्राज्‍य को भाइयों में बांट दिया था. शेरशाह सूरी ने हुमायूं को खदेड़ दिया और अपने दामाद मुबारिज खां को संभल की जागीर दे दी.  


बाबर के आदेश पर बनवाई गई थी मस्जिद 
हिंदू पक्ष का दावा है कि जामा मस्जिद पहले हरिहर मंदिर था. 1529 में बाबर ने मस्जिद का निर्माण करवाया. बाबर ने मंदिर तोड़कर मस्जिद बनवाया था. मस्जिद बनाने के दौरान यहां पर मौजूद हरिहर मंदिर को तोड़ दिया गया था. इसी जगह पर कल्कि भगवान अवतार लेंगे. मस्जिद में मंदिर की मौजूदगी के बहुत सारे निशान हैं. हिंदू पक्ष ने इसी को लेकर कोर्ट में याचिका दायर की थी. हिंदू पक्ष की याचिका पर कोर्ट ने सर्वे का आदेश दिया.


संभल हजारों साल पुराना नक्‍शे में मंदिर होने का दावा
वहीं, महंत ऋषिराज गिरी ने बड़ा दावा करते हुए कहा कि उनके पास संभल का शक संवत 987 का हजारों वर्ष प्राचीन नक्शा है. नक्शे में शाही जामा मस्जिद श्री हरिहर मंदिर के तौर पर मौजूद. हजारों साल प्राचीन नक्शे में संभल, तीर्थ राज संभल के नाम से अंकित है. नक्शे में संभल के 68 तीर्थ  और 19 कूप चित्रित पाए गए. प्राचीन नक्शा जामा मस्जिद के हरिहर मंदिर होने का अकाट्य प्रमाण है. 


'अयोध्‍या में रामजन्‍मभूमि में बाबरी मस्जिद बनवाई थी' 
बताया गया कि अयोध्‍या में बाबरी मस्जिद इस्लामिक कैलेंडर के साल 935 (सितंबर 1528-सितंबर 1529 ई.) में बनवाई गई थी. बाबर के सेनापति मीर बाकी ने इसे बनवाया था. बाबर ने ऐसी जगह मस्जिद बनवाने का फ़ैसला किया था, जिसे हिंदू भगवान राम का जन्म स्थान मानते थे. 


 



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