सुनील सिंह/संभल: 1978 Sambhal Riotsसंभल में 46 साल पहले हुए दंगे की फाइल फिर खुलेगी. मुख्यमंत्री योगी के  विधानसभा में  वक्तव्य के बाद अधिकारी सक्रिय हो गए हैं.  कमिश्नर आंजनेय कुमार सिंह ने संभल जिले के अधिकारियों से दंगे से जुड़ी फाइलें मांगी हैं.  मामले में अब तक की प्रोग्रेस रिपोर्ट भी मांगी गई है.


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मुख्यमंत्री योगी ने सोमवार को यूपी विधानसभा में संभल दंगे का काला अध्याय सुनाया था. उन्होंने संभल के अल्पसंख्यक हिंदुओं के अतीत का जिक्र किया, वहां मिले उस मंदिर का इतिहास बताया जो सालों से बंद पड़ा था. संभल में मिले मंदिर के परिसर से कई और मूर्तियां मिली हैं, जिनमें बजरंगबली, नंदी, गणेश की मूर्तियां शामिल हैं. स्वास्तिक के चिन्ह वाली ईंटें और कार्तिकेय की खंडित मूर्ति भी मिली है.


46 साल बाद खुले बंद मंदिर के पट
सीएम योगी ने  सोमवार को विधानसभा में संभल में 46 साल पहले हुए दंगों पर वक्तव्य देकर कहा था कि संभल में 1947 से लेकर अब तक हुए दंगों में 209 हिंदुओं की हत्या हो चुकी है ,जिनकी हत्या के कसूरवारों को सजा मिलनी चाहिए.29 मार्च 1978 को दंगे (Riots) के दौरान आगजनी की घटनाएं हुई थीं। इस घटना में कई हिंदू मारे गए. डर के चलते 40 रस्तोगी परिवारों को घर छोड़कर भागना पड़ा था. पलायन के गवाह अभी मौजूद हैं.  मंदिर में कोई पूजा करने वाला बचा नहीं था। घटना के 46 साल बाद अभी तक किसी को सजा तक नहीं मिली. 


संभल दंगे की पुरानी फाइलें खंगालने में जुटे अफसर
सूत्रों के मुताबिक जिला प्रशासन के अफसर 1978 के संभल दंगे की पुरानी फाइलें खंगालने में जुटे हुए है. इस बात की जानकारी मांगी गई है कि दंगों की जांच के मामले में किस स्तर पर चूक हुई है. दंगो के मामले में गवाहों को कितनी बार पेश किया गया. अदालत के वारंट की क्या स्थिति रही , साक्ष्यों को इकट्ठा करने के मामले में किस स्तर पर लापरवाही बरती गई है.


सभी बिंदुओं की समीक्षा की जाएगी-कमिश्नर 
सीएम योगी के स्टेटमेंट के बाद प्रशासनिक अधिकारी सक्रिय हो गए हैं.  कमिश्नर का कहना है कि इस बारे में किस स्तर पर चूक हुई है, यह जानने के लिए दंगे (Riots) से जुड़ी फाइलें मंगाई गई हैं.


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