Sambhal violence: संभल हिंसा का आज सातवां दिन है. समाजवादी पार्टी का एक डेलिगेशन संभल जाएगा. इसको लेकर पुलिस-प्रशासन अलर्ट है. समाजवादी पार्टी का 15 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल शनिवार को यूपी के संभल जाएगा, ताकि शाही जामा मस्जिद परिसर में अदालत के आदेश के बाद भड़की हिंसा के बारे में जानकारी जुटाई जा सके. सपा ने पत्र जारी करके इसकी जानकारी दी. प्रतिनिधिमंडल में विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय सहित 15 नाम शामिल हैं. डेलिगेशन में शामिल लोग हिंसा के बारे में जानकारी जुटाएंगे. बता दें कि इससे पहले डीजीपी के कार्रवाई के आश्वासन पर प्रतिनिधिमंडल ने संभल जाना रद्द कर किया था. लेकिन अब 30 नवंबर यानी शनिवार को सपा नेता मौके पर जाएंगे.


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सपा को भी अपनी जिम्मेदारी का अहसास होना चाहिए-मनीष शुक्ला 
सपा प्रतिनिधि मंडल के संभल जाने पर भाजपा प्रवक्ता मनीष शुक्ला ने कहा,संभल में स्थिति संवेदनशील है और वहाँ निषेधाज्ञा लागू है. स्थानीय प्रशासन स्थिति को सामान्य बनाने में लगा हुआ है.  माता प्रसाद पांडे जी और समाजवादी पार्टी को भी अपनी जिम्मेदारी का अहसास होना चाहिए और परिस्थिति के सामान्य होने का इंतजार करना चाहिए. सपा के नीयत पर शक होता है क्योंकि उनके प्रतिनिधिमंडल में संभल की हिंसा को भड़काने का आरोपी स्थानीय संसद जियाउर रहमान बर्क भी शामिल है.वहाँ जाकर वो क्या बयान देंगे ?


माता प्रसाद पांडेय संबल जाने के लिए अड़े हुए हैं. सड़कों पर बेरिकेड़िंग लगाई गई है. वह सपा दफ्तर जाने के लिए निकले हुए हैं पर पुलिस उनको जाने से रोक रही है. सपाअध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस पर ट्वीट करते हुए कहा कि प्रतिबंध लगाना सरकार की नाकामी है. पुलिस ने माता प्रसाद को घर पर ही रोक कर रखा है.


प्रतिबंध लगाना भाजपा सरकार के शासन, प्रशासन और सरकारी प्रबंधन की नाकामी है। ऐसा प्रतिबंध अगर सरकार उन पर पहले ही लगा देती, जिन्होंने दंगा-फ़साद करवाने का सपना देखा और उन्मादी नारे लगवाए तो संभल में सौहार्द-शांति का वातावरण नहीं बिगड़ता। भाजपा जैसे पूरी की पूरी कैबिनेट एक साथ बदल देते हैं, वैसे ही संभल में ऊपर से लेकर नीचे तक का पूरा प्रशासनिक मंडल निलंबित करके उन पर साज़िशन लापरवाही का आरोप लगाते हुए, सच्ची कार्रवाइ करके बर्ख़ास्त भी करना चाहिए और किसी की जान लेने का मुक़दमा भी चलना चाहिए। भाजपा हार चुकी है।



समाजवादी पार्टी का प्रतिनिधिमंडल संभल जाएगा दो दिन पहले विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडे ने प्रेस कॉफ्रेस कर संभल हिंसा को लेकर सरकार को घेरा था. नेता प्रतिपक्ष ने कहा था कि संभल हिंसा पर डीजीपी ने निष्पक्ष जांच होने का भरोसा दिया है. हम लोग आज मौके पर जाने वाले थे. लेकिन, हमें तीन दिन बाद जाने के लिए बोला गया.


माता प्रसाद पांडेय के घर के बाहर लगाई गई फोर्स


सपा के प्रतिनिधि मंडल को संभल जाने कीअनुमति नही मिली है. माताप्रसाद पांडेय आज सुबह 9 बजे लखनऊ से रवाना होने वाले थे. माता प्रसाद पांडेय के घर के बाहर पुलिस का कड़ा पहरा है. संभल नही जाने देने के लिए माता प्रसाद पांडेय के घर के बाहर लगाई गई फोर्स सपा के प्रदेश अध्यक्ष श्याम लाल पाल ने X पर कहा कि प्रतिनिधिमंडल में विधानसभा में विपक्ष के नेता माता प्रसाद पांडेय, विधान परिषद में विपक्ष के नेता लाल बिहारी यादव, सपा के प्रदेश अध्यक्ष श्यामलाल पाल,हरेंद्र मलिक, सांसद जियाउर रहमान बर्क, रुचि वीरा, इकरा हसन और नीरज मौर्य हैं. कहा कि विधायक कमाल अख्तर, रविदास मेहरोत्रा, नवाब इकबाल महमूद और पिंकी सिंह यादव भी प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा होंगे.


डीएम सम्भल ने नेता विरोधी दल को भेजा आदेश
यूपी विधान सभा के नेता विरोधी दल को भेजा आदेश
वर्तमान में 163 BNS लागू होने की बताई गई है वजह
जब तक BNS 163 लागू रहेगी तब तक कई चीजों पर रोक रहेगी
किसी भी प्रकार की कानून व्यवस्था की स्थिति उत्पन्न न हो.


तीन सदस्यीय टीम जाएगी संभल 
संभल की हिंसा जांच के लिए बनाई गई तीन सदस्यीय टीम भी संभल जाएगी. ये टीम हिंसा की वजह को जानेगी और दो महीने में अपनी जांच पूरी कर रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी.


भूमिका पर सवाल
एक तरफ भीड़ पर हिंसा करने के आरोप हैं तो दूसरी तरफ पुलिस-प्रशासन की भूमिका पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं. अब इन तमाम पहलुओं की तह तक जाने और सही कारणों का पता लगाने के लिए न्यायिक जांच के आदेश दिए गए हैं.


इस केस पर टिप्पणी नहीं करेंगे​-सुप्रीम कोर्ट
बता दें कि संभल जामा मस्जिद मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमने आदेश देखा है, इस केस पर टिप्पणी नहीं करेंगे. मस्जिद कमिटी को अपने कानूनी विकल्पों के इस्तेमाल का मौका मिले, यह जिला कोर्ट या हाईकोर्ट कुछ भी हो सकता है. CJI ने कहा कि हम केस अपने पास लंबित रखेंगे और हम चाहते हैं कि वहां शांति रहे. अगर मस्जिद कमिटी सिविल जज के आदेश के खिलाफ अपील करती है, तो उसे 3 दिन में सुनवाई के लिए लगाया जाए.


बता दें कि संभल में  पिछले 24 नवंबर को मस्जिद का दोबारा सर्वेक्षण किये जाने के दौरान हिंसा भड़क उठी थी. इस दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प में चार लोगों की मौत हो गई थी और 25 अन्य घायल हो गये थे. स्थानीय लोगों सर्वे का विरोध करते हुए कोर्ट कमिश्नर की टीम के साथ धक्कामुक्की की. कुछ ही देर में वहां हजारों की भीड़ इकट्ठा हो गई और पुलिस पर पथराव कर दिया. पुलिस ने भीड़ पर काबू पाने के लिए लाठियां भांजी और आंसू गैस के गोले दागे.


संभल कोर्ट में वकील हरिशंकर जैन समेत कुल आठ याचिका कर्ताओं ने याचिका दायर की है कि संभल के बीचो-बीच भगवान कल्कि को समर्पित श्री हरि हर मंदिर है जो सदियों पुराना है. इस मंदिर को जामा मस्जिद बना दिया गया और जामा मस्जिद समिति इसका इस्तेमाल जबरन और गैरकानूनी तरीके से कर रही है. इसी याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सर्वे के निर्देश दिया था. 


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