Nag Panchami 2024 Dolls Beating Ritual: देशभर में आज नाग पंचमी का त्‍योहार मनाया जा रहा है. यूपी के कई क्षेत्रों में नाग पंचमी को गुड़‍िया भी कहा जाता है. इस दिन नाग देवता की पूजा के साथ-साथ गुड‍़‍िया की डंडों से पिटाई की भी परंपरा है. धीरे-धीरे यह परंपरा समाप्‍त होती जा रही है. हालांकि, नाग पंचमी पर अभी भी कई क्षेत्रों में यह परंपरा निभाई जा रही है. तो आइये जानते हैं गुड़‍िया को डंडे सी पीटने की परंपरा.


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नाग पंचमी पर गुड़‍िया पीटने की परंपरा 
दरअसल, नाग पंचमी को गुड़‍िया का पर्व भी कहा जाता है. यूपी के कई क्षेत्रों में इस दिन बहनें अपने हाथों से रंग-बिरंगी गुड़‍िया तैयार करती हैं. इसके बाद गांव या आसपास के बड़े-छोटे तालाब के पास भाई इस गुड़‍िया की डंडों से पिटाई करते हैं. इस परंपरा के पीछे एक कथा यह है कि प्राचीन काल में एक महादेव नाम का लड़का नाग देवता का अनन्य भक्त था. महादेव प्रतिदिन किसी शिवालय में जाकर भगवान शिव के साथ नाग देवता की पूजा करता था. 


यह है पौराणिक कथा 
महादेव की श्रद्धा देख नाग देवता भी खुश हो गए और प्रतिदिन दर्शन देने लगे. कई बार मंदिर में पूजा के दौरान नाग महादेव के पैरों पर लिपट जाया करते थे. लेकिन उसे कभी नुकसान नहीं पहुंचाया. पौराणिक कथा के मुताबिक, एक दिन जब महादेव शिवालय में नाग देवता की पूजा कर रहा था तो नाग उसके पैरों में आकर लिपट गया, यह नजारा उसकी बहन ने भी देख लिया. इसके बाद बहन ने डरवश नाग को पीट-पीटकर मार डाला. 


...तो इसलिए निभाई जाती है परंपरा 
इसके चलते महादेव का ध्‍यान भी टूट गया. बहन के द्वारा नाग के मारे जाने से महादेव क्रोधित हो गया. बहन से नाग को मारने का कारण पूछा तो बहन ने बताया कि अनजाने में उसे मार दिया. इस पर महादेव ने बहन को दंड भुगतने को कहा. पौराणिक कथा के मुताबिक, तब से अब तक प्रतीकात्‍मक सजा के तौर कपड़े से बनी गुड़‍िया की पिटाई की प‍रंपरा चली आ रही है. नाग पंचमी पर बहनों द्वारा बनाई गई गुड‍़‍िया की भाई डंडे से पिटाई करते हैं. 


डिस्क्लेमर: यह कहानी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है. जी यूपीयूके इसके सही होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.


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