UP Nagar Nikay Chunav 2023 : पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट पर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने सुनवाई की. याचिकाकर्ता ने ओबीसी आयोग की रिपोर्ट पर गंभीर सवाल उठाए हैं.
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उत्तर प्रदेश में नगर निकाय चुनाव की घोषणा भले ही हो गई हो लेकिन पिछड़ा वर्ग आयोग की ओबीसी आरक्षण से जुड़ी रिपोर्ट पर अभी शोर थमा नहीं है. OBC आयोग की रिपोर्ट को जो इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी, उस पर सोमवार को सुनवाई हुई. हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने यूपी सरकार से इस याचिका पर जवाब मांगा है.राज्य चुनाव आयोग को जवाब दाखिल करने का आदेश दिया गया है.
रिपोर्ट को चुनौती देने वाली याचिका पर जवाब तलब किया गया है. याचिका में आरक्षण लागू करने के प्रावधान को गलत बताया गया है. याचिकाकर्ताओं का कहना है कि OBC जातियों का सही अध्ययन नहीं किया गया है. याचिका में आरोप है कि आरक्षण के पुराने डेटा को ही नए सिरे से प्रस्तुत किया गया है.मामले की अगली सुनवाई हाईकोर्ट में 19 अप्रैल को होगी.मुरादाबाद के सोहेल खान ने ये याचिका दाखिल की है.
मालूम हो कि यूपी नगर निकाय चुनाव पिछली बार भी ओबीसी आरक्षण को लेकर ही अटके थे. तब 5 दिसंबर 2022 को नगर विकास विभाग ने अनंतिम आरक्षण की अधिसूचना जारी की थी, लेकिन ट्रिपल टेस्ट फार्मूले का पालन न करने के कारण हाईकोर्ट ने बिना आरक्षण के चुनाव कराने का आदेश दिया था. हालांकि सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत के बाद योगी आदित्यनाथ सरकार को ओबीसी कमीशन के गठन और सर्वे को आगे बढा़ने की मंजूरी मिल गई थी.
ओबीसी आयोग ने 9 मार्च को अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी थी. इसके बाद कैबिनेट से इसको मंजूरी मिल गई थी. सरकार ने आरक्षण के नए प्रावधानों के लिए नगर निगम और नगरपालिका अधिनियम में भी संशोधन किया था. उसके बाद निर्वाचन आयोग ने रविवार को चुनावों की तारीखों की घोषणा की थी.
यूपी में दो चरणों में 4 मई और 11 मई को दो चरणों में चुनाव कराए जाएंगे. पहले चरण और दूसरे चरण में 9-9 मंडलों में चुनाव कराया जाएगा. पहले चरण में 37 और दूसरे चरण में 38 जिलों में चुनाव होना है. इसके लिए नामांकन प्रक्रिया 11 अप्रैल से शुरू होगी.
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