उत्तर प्रदेश नगर निकाय चुनाव के नतीजों से निराश कांग्रेस हाईकमान यूपी में एक बार फिर संगठन में बड़े पैमाने पर फेरबदल की तैयारी कर रहा है. जानकारी के मुताबिक, प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व में जल्द ही बड़े पैमाने पर फेरबदल किए जाने की संभावना है. निकाय चुनाव के नतीजों से हाईकमान खुश नहीं है, लिहाजा कई नेताओं को पार्टी के बड़े पदों से हटाया जाएगा. गौरतलब है कि यूपी विधानसभा चुनाव में महज एक सीट जीतने के बाद अजय सिंह उर्फ लल्लू ने प्रदेश अध्यक्ष पद से त्यागपत्र दे दिया था. लल्लू अपनी सीट भी चुनाव में बचा नहीं पाए थे. उसके बाद दलित नेता बृज लाल खाबरी को प्रदेश अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. 


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यूपी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी का चेहरा आगे कर चुनाव लड़ा था. लड़की हूं लड़ सकती हूं के कंपेन के साथ महिला वोटरों को लुभाने की कोशिश की गई थी, लेकिन इसका फायदा चुनाव में मिलता नहीं दिखाई दिया. 


कांग्रेस के सामने सबसे बड़ी मुश्किल है कि एक साल बाद ही लोकसभा चुनाव होने हैं. इसमें 80 लोकसभा सीटें उत्तर प्रदेश में ही हैं, लेकिन अपने बलबूते कांग्रेस कोई बड़ा प्रभाव छोड़ती नजर नहीं आ रही है. सपा ने कांग्रेस के साथ गठबंधन से इनकार किया है. वो रालोद और छोटे दलों के साथ ही आगे बढ़ती दिख रही है. बसपा और कांग्रेस के बीच भी तल्खी दूर नहीं हुई है. राहुल गांधी ने गठबंधन को लेकर जब पिछली बार मायावती पर आरोप लगाया था तो उन्होंने तगड़ा पलटवार किया था. 


उधर, उत्तर प्रदेश विधानपरिषद चुनाव के बीच समाजवादी पार्टी की भी बैठक हुई. इसमें नगर निकाय चुनाव के नतीजों की समीक्षा भी की गई. इसमें सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव, शिवपाल सिंह यादव समेत वरिष्ठ नेता मौजूद थे. हालांकि इस बड़ी बैठक में क्या नतीजा निकला, अभी यह सामने नहीं आया है. 


करीब डेढ़ घंटे चली बैठक के बाद समाजवादी पार्टी कार्यालय से सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव वोट देने के लिए निकले. समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने विधानसभा परिसर में स्थित चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए. 


 


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