UP Nagan Nikay Chunav 2022 : लखनऊ नगर निगम चुनाव (Lucknow Nagar Nigam Election) के पहले आरक्षण का गणित बिगड़ता दिख रहा है. लखनऊ नगर निगम में 88 गांव जोड़े जाने से यहां सामान्य, एससी-एसटी और पिछड़ा वर्ग की सीटों में बदलाव हुआ है.मतदाताओं के बढ़ने से नगर निगम में तीन सामान्य सीटें कम हो जाएंगी. 53 की जगह 50 सामान्य सीट रह जाएंगी.  अनुसूचित जाति (SC) के लिए दो और OBC के लिए 1 सीट बढ़ना तय है. दरअसल, लखनऊ नगर निगम में ग्रामीण क्षेत्र के जो 88 नए गांव बढ़ाए गए हैं, उनमें एससी और बैकवर्ड अधिक हैं.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

Nagar Nikaay Chunaav : इस बार गाजियाबाद में 1.84 लाख नए मतदाता करेंगे वोट की चोट, जानिए कहां कितने मतदान केंद्र


बैकवर्ड सीटों की संख्या में इजाफा
माना जा रहा है कि पिछड़े वर्ग के मतदाताओं की संख्या बढ़ने से बैकवर्ड कास्ट का रिजर्वेशन भी इस बार ज्यादा होगा. नगर निकाय चुनाव में 20 की जगह 21 सीटें ओबीसी के लिए आरक्षित की जाएंगी. अनुसूचित जाति की सीटों की संख्या अभी 12 है, जो नए परिसीमन के बाद 14 हो रही हैं. आरक्षित वार्ड बढ़ने का सीधा असर सामान्य वर्ग की सीटों पर देखने को मिलेगा. 2017 के नगर निकाय चुनाव में अनारक्षित यानी सामान्य वर्ग की सीटें 53 थीं. महिलाओं के लिए आरक्षित सीटें 25 रखी गई हैं. 


UP Nagar Nikay Chunav 2022: बीजेपी अब नगर पालिका और वार्ड स्तर पर 3 दिन चलाएगी अभियान


लखनऊ नगर निगम की आबादी 31 लाख के करीब है. जबकि 2011 की जनगणना में नगर निगम सीमा की आबादी 28 लाख के करीब थी. वर्ष 2017 में बढ़ी आबादी को लेकर रैपिड सर्वे वर्ष 2011 की जनगणना को लेकर कराया गया था. तब पिछड़े वर्ग की संख्या काफी कम थी. 88 गांवों के नगर निगम में मिलाए जाने से ओबीसी की आबादी 3 लाख के करीब पहुंच गई है.


नगर निगम की जनसंख्या 2011 की जनगणना के आधार पर 31 लाख तक पहुंच गई है. नगर निगम में मतदाता सूची में नाम जोड़े जाने या घटाए जाने का काम अंतिम चरण में है. ऐसे में नगर निगम के जोनल कार्यालयों में सूची चस्पा की जाएंगी. इस पर लोग अपनी आपत्तियां दर्ज करा सकेंगे.


Digital Rupee: भारत की अपनी डिजिटल करेंसी डिजिटल रूपी हुआ लॉन्च, जानें क्रिप्टोकरंसी से कितना अलग और आपको इससे कितना फायदा