Rampur Nikay Chunav Result 2023: आजम खान के गढ़ में क्या बीजेपी खिला पाएगी कमल, जानिए निकाय चुनाव के नतीजों का अपडेट
Rampur Nikay Chunav Result 2023: आजम खान के गढ़ में निकाय चुनाव के दौरान 52.77 प्रतिशत वोटिंग हुई. विधानसभा चुनाव के बाद निकाय चुनाव में भी बीजेपी ने सपा के इस गढ़ में पूरा जोर लगाकर सेंधमारी की कोशिश की है. आइए जानते हैं बीजेपी को यहां कितना सफलता मिली.
Rampur Nikay Chunav Result 2023: इस बार रामपुर जिले में निकाय चुनाव के दौरान समाजवादी पार्टी का सबसे मजबूत किला माने जाने वाले रामपुर में त्रिकोणीय मुकाबला देखा गया. यहां सिर्फ 52.77 प्रतिशत मतदान हुआ. इसमें सबसे कम वोटिंग रामपुर नगर पालिका परिषद में हुई. यहां 38.91 फीसदी वोटिंग हुई. समाजवादी पार्टी का सबसे मजबूत किला माने जाने वाले रामपुर में इस बार त्रिकोणीय मुकाबला रहा. बीजेपी ने निकाय चुनावों में दो नगर परिषद सीटों पर मुस्लिम उम्मीदवार उतारे हैं. टांडा नगर पालिका परिषद पर मेहनाज जहां को टिकट दिया था. इसी तरह रामपुर नगर पालिका परिषद अध्यक्ष पद के लिए डॉ मुसरेत मुजीब को मौका दिया था. जिले के 11 नगर निकायों में 5 नगर पालिकाएं और 6 नगर पंचायतें हैं.
इससे पहले हुए निकाय चुनाव में भाजपा ने रामपुर की एक भी नगर पालिका सीट से मुस्लिम प्रत्याशियों को कभी टिकट नहीं दिया था. टांडा नगर पालिका सीट से प्रत्याशी मेहनाज जहां 2017 निकाय चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में विजयी हुई थीं. निकाय चुनाव से पहले वह भाजपा में शामिल हुई. 2017 में बीजेपी ने मेहनाज के सामने शोभा को टिकट दिया था जो सिर्फ 2. 65 फीसदी वोट ही पाई थीं. उनकी जमानत तक जब्त हो गई थी. वहीं, रामपुर नगर पालिका परिषद सीट से उम्मीदवार बनाई गईं डॉ मुजीब पूर्व बसपा नेता डॉ तनवीर अहमद की पत्नी हैं. पहले डॉ तनवीर ने अपने लिए टिकट की मांग की थी पर महिला रिजर्व सीट होने के बाद उनकी पत्नी को टिकट दे दिया। 2017 में बीजेपी ने यहां से दीपा गुप्ता को मैदान में उतारा था.
सपा के कद्दावर नेता और पूर्व मंत्री आजम खान ने रामपुर नगर पालिका में सपा के लिए जमकर प्रचार किया था. वह गली-गली पैदल घूमते नजर आए थे. इसकी वजह मौजूदा चेयरपर्सन और सपा प्रत्याशी फातिमा जबीं और उनके पति अजहर अहमद की आजम से नजदीकी हैं. फातिमा जबीं के लिए आजम खान चुनाव प्रचार में उतरे तो माना गया कि अब सपा की राह आसान होगी. पिछले चुनाव भी फातिमा जबीं ने आसानी से जीत हासिल की थी. हालांकि वोटिंग के बाद अब सारे समीकरण उलझते दिखे इसकी वजह है कम मतदान है.