Badaun News : उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में बीजेपी की नगरपालिका चेयरमैन के आरक्षण और उनके नाम को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. विपक्षी प्रत्याशी ने अदालत का दरवाजा खटखटाया है.
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बदायूं/ अमित अग्रवाल : उत्तर प्रदेश नगर निकाय चुनाव परिणाम को लेकर किसी भी शिकायत को सुनने से निर्वाचन आयोग के आदेश के बाद आपत्ति करने वाले प्रत्याशियों ने कोर्ट की तरफ रुख कर लिया है. परिणामों पर आपत्ति करते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया है.जिले की वजीरगंज नगर पंचायत सीट से निर्दलीय प्रत्याशी शकुंतला वार्ष्णेय द्वारा निरस्त मतों पर आपत्ति करते हुए जिला जज की अदालत में याचिका दायर की जा चुकी है.
सके बाद जिले की महत्वपूर्ण सीट नगर पालिका दातागंज पर जीती बीजेपी प्रत्याशी नैना गुप्ता के खिलाफ सपा प्रत्याशी मुकेश शाक्य ने भी याचिका दायर की है. उनका आरोप है कि बीजेपी प्रत्याशी नैना गुप्ता ने आरक्षित सीट पर चुनाव लड़ा है, जबकि वे सामान्य जाति की हैं. उनका आरोप है कि वे गुप्ता जाति की हैं और उनका मायका परिवार बरेली जनपद के नवाबगंज में रहता है. उनकी सगी बहन नीतू गुप्ता का स्कूल प्रमाणपत्र में सामान्य जाति की हैं.अगर बहन सामान्य जाति की है तो वो कैसे पिछड़ी जाति की हो सकती हैं. उनका जाति प्रमाणपत्र मायके के राजस्व निरीक्षक की रिपोर्ट के आधार पर बनाया जाना चाहिए था, जबकि वहां से रिपोर्ट मंगाए बिना प्रमाणपत्र जारी किया गया है.
इसके अलावा उनके असली नाम पर भी आपत्ति की गई है. विधानसभा चुनाव में मतदाता सूची का हवाला देते हुए कहा गया है कि उनका असली नाम ज्योति गुप्ता है तो वो नैना गुप्ता कैसे हो सकती हैं. साथ ही 4 हजार से ज्यादा ग्रामीण मतदाताओं को नगर पालिका में शामिल कर फर्जी मतदान कराने की बात भी कही गई है.
जिला जज की अदालत ने आज 26 मई को दोपहर 2 बजे सुनवाई का समय दिया है।ध्यान रहे कि आज ही शपथ ग्रहण का समय भी निर्धारित है। जानकारों की माने तो बीजेपी प्रत्याशी नैना गुप्ता की मुश्किलें बढ़ सकती है, क्योंकि आपत्ति के बिंदु सही पाए जाने पर जिला जज को चुनाव निरस्त करने का अधिकार है.