UP Nagar Nikay Chunav 2022 : उत्तर प्रदेश नगर निकाय चुनाव 2022 में मंगलवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच का फैसला आना है. सबके मन में यही सवाल है कि ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर नगर निगम नगरपालिका चुनाव टलता है तो आखिर चुनाव कब होगा. अब तक की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने लगातार ओबीसी आरक्षण के लिए ट्रिपल टेस्ट फार्मूले को अमल में न लाए जाने को लेकर सरकार पर सवाल उठाए हैं. ऐसे में हाईकोर्ट के नतीजों के अनुसार, तीन विकल्प हो सकते हैं. 


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ये तीन विकल्प---


1. अगर कोर्ट आरक्षण के लिए सरकार के रैपिड टेस्ट को मान्य करती है तो निकाय चुनाव जनवरी के अंत में कराए जा सकते हैं. ऐसे में जिन नगर निकायों का कार्यकाल पूरा हो गया होगा, वहां तब तक के लिए प्रशासक बैठाए जा सकते हैं


2. अगर कोर्ट 10-15 दिन अन्य पिछड़ा वर्ग आरक्षण संबंधी प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश देता है तो फिर म्यूनिसिपल इलेक्शन फरवरी में यूपी बोर्ड परीक्षा के पहले कम समय में कराए जा सकते हैं.


3. अगर कोर्ट ओबीसी आरक्षण के लिए आयोग गठित कर 1-2 माह में नए सिरे से पूरी प्रक्रिया के पालन का निर्देश देता है तो फिर चुनाव मार्च-अप्रैल में यूपी बोर्ड परीक्षा के बाद ही कराए जाना संभव होगा.


उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश नगर निकाय चुनाव के तहत 5 दिसंबर को अनंतिम आरक्षण नगर निगम, नगरपालिका और नगर पंचायत के लिए घोषित किया गया था. इस बार 17 नगर निगम, 200 नगर पालिका और 545 नगर पंचायतों में चुनाव कराया जाना है.


यूपी नगर निकाय चुनाव को लेकर वैसे तो बीजेपी, सपा, कांग्रेस और बसपा सभी ने अपनी तैयारी तेज कर रखी थी. बसपा ने तो सहारनपुर से इमरान मसूद की पत्नी का टिकट फाइनल तक कर दिया था. जबकि बीजेपी टिकट चाहने वालों की भारी भीड़ को देखते हुए आंतरिक सर्वे करा रही है. साथ ही प्रत्याशियों के चयन के लिए हर जिले में 13 सदस्यीय कमेटी के गठन का आदेश भी दे दिया था.


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