नैनीताल: हाईकोर्ट के आदेशानुसार सरकारी सुविधाओं का पैसा न जमा करने को लेकर तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों और मुख्य सचिव ओम प्रकाश को अवमानना नोटिस जारी हुआ है.


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देहरादून की रूरल लिटिगेशन एंड एंटाइटलमेंट (रुलक) संस्था की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की एकलपीठ ने पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा, रमेश पोखरियाल निशंक, भुवन चंद्र खंडूरी और मुख्य सचिव ओम प्रकाश को अवमानना नोटिस जारी किया है. वहीं, याचिकाकर्ता ने राज्यपाल होने के नाते उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के खिलाफ अवमानना याचिका दायर करने से पहले संविधान के अनुच्छेद 361 के तहत नोटिस भेजा है.


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रुलक संस्था के अधिवक्ता कार्तिकेय हरिगुप्ता ने बताया कि हाईकोर्ट ने पूर्व में जारी आदेश का पालन न करने को गंभीरता से लिया है. उन्होंने कहा कि अदालत ने माना है कि सभी राजनीतिक दिग्गज हैं और आदेश का पालन नहीं करने से जनता में गलत संदेश जाता है. जिसे देखते हुए सभी से जवाब मांगा है कि क्यों न उनके खिलाफ अदालत की अवमानना की कार्रवाई शुरू की जाए. कोर्ट ने अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद तय की है.
अदालत ने रजिस्ट्री से देहरादून के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के माध्यम से सभी तक नोटिस पहुंचाने के लिए कहा है.


बता दें कि हाईकोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्रियों द्वारा ली गई सरकारी सुविधाओं का बकाया जमा करने का 2019 में आदेश दिया था. लेकिन राज्य सरकार ने एक एक्ट बनाकर इस बकाए को माफ करने की व्यवस्था कर दी थी, लेकिन मामला हाईकोर्ट में आने के बाद अदालत ने इस एक्ट को असंवैधानिक करार दिया था. वहीं राज्य सरकार को बकाया जमा करवाने के लिए छह माह का समय दिया था. लेकिन अभी तक किसी ने बकाया नहीं जमा करवाया, जबकि चारों पूर्व मुख्यमंत्रियों पर कुल बाजार भाव से 2 करोड़ 80 लाख बकाया है.


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