Haldwani Violence: `लगा था दोबारा बच्चों का मुंह नहीं देख पाएंगे`, निगम कर्मियों ने बताया हल्द्वानी हिंसा का खौफनाक मंजर
Haldwani Violence: हल्द्वानी के बनभूलपुरा थाना क्षेत्र में गुरुवार को भारी बवाल हुआ. पुलिस जीप समेत कई वाहनों में आग लगा दी गई. मौके पर मौजूद नगर निगम के कर्मचारियों और पुलिसकर्मियों ने इस खौफनाक मंजर की डरावनी सच्चाई को बयां किया.
Haldwani Violence: हल्द्वानी में भड़की हिंसा में पुलिसकर्मी समेत 100 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं. 4 लोगों की मौत की खबर है. नगर निगम और पुलिस टीम पर स्थानीय लोगों ने पथराव किया. पुलिस जीप समेत कई वाहनों में आग लगा दी गई. उपद्रवियों ने बनभूलपुरा थाना फूंक दिया. हिंसा के समय मौके पर मौजूद नगर निगम के कर्मचारियों और पुलिसकर्मियों ने इस खौफनाक मंजर की डरावनी सच्चाई को बयां किया.
'मंजर देख नहीं लगा बच्चों का चेहरा दोबारा देख पाएंगे'
हल्द्वानी में बनभूलपुरा में अवैध निर्माण ध्वसत करने पहुंचे नगर निगम के कई कर्मचारी भी घायल हुए हैं. हिंसा के दौरान हुए पथराव में कई लोगों के सिर फूट गए तो किसी का पैर टूट गया. जी न्यूज से बातचीत में इन कर्मचारियों ने बताया कैसे ये चारों तरफ से घिर गए थे और हर ओर से पत्थर बरस रहे थे. एक कर्मचारी ने कहा कि उस वक़्त लग रहा था कि अपने बच्चों का चेहरा भी अब देख पाएंगे या नहीं.
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'पुलिसकर्मियों की टांगों के बीच से निकलकर बचाई जान'
नगर निगम कर्मचारियों ने राजकुमार और मोनू कुमार ने बताया कि उपद्रवियों ने ध्वस्तीकरण के दौरान ही पथराव शुरू किया और गाड़ियों में आगजनी शुरू कर दी थी. गलियों में ही पुलिसकर्मियों और नगर निगम कर्मियों को घेर लिया था. पता ही नहीं चल रहा था कि हम किस तरफ भागें, हम पुलिसकर्मियों की टांगों के बीच से निकलकर बाहर जान बचाकर जा सके. हमें पता है कि कैसे बचकर हम वहां से आए हैं. अधिकारियों को भी बुरी तरह मारा गया. दिल दहलाने वाली तस्वीरें थीं. बच्चों और महिलाओं को आगे करके रखा गया था. 100 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हुए हैं. इनमें कई महिला पुलिसकर्मी शामिल हैं. करीब चार घंटे तक हम वहां फंसे रहे. वहां लाइट भी काट दी गई थीं, इसलिए पत्थर और आगजनी के बीच कुछ समझ नहीं आ रहा था.
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हल्द्वानी हिंसा में घायल पुलिसकर्मियों की आपबीती
हल्द्वानी हिंसा में घायल पुलिस कांस्टेबल मनीष बिष्ट की नाक पर पत्थर आकर लगा, नाक से खून निकला आँख के नीचे कला पड़ गया है और उनकी जैकेट पर अभी भी खून लगा हुआ है. कांस्टेबल मनीष बिष्ट ने बताया कि वो और उनके साथी चारों ओर से घिर गए थे. कांस्टेबल मनोज राणा ने बताया कि उनकी मैगज़ीन मिसिंग है किसी ने खींचतान में मैगज़ीन लूट ली. वहीं मनोज राणा ने बताया कि उनकी और उनके साथियों की जान एक मुस्लिम परिवार ने बचाई.
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