अयोध्या: रामनगरी अयोध्या में राम जन्मभूमि जितना ही महत्वपूर्ण एक और स्थान है हनुमान गढ़ी. हनुमान गढ़ी में भगवान श्रीराम के सबसे बड़े भक्त बजरंगबली विराजते हैं. ये जगह अयोध्या में रामलला के मुख्य द्वार की तरह है. राम जन्मभूमि में आने के बाद सबसे पहले हनुमान गढ़ी के ही दर्शन किए जाते हैं, उसके बाद रामलला के दर्शन होते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अयोध्या आकर इस परंपरा का पालन करेंगे. अयोध्या में लैंड करने के बाद पीएम मोदी सबसे पहले बजरंगबली के दर्शन करने हनुमानगढ़ी जाएंगे.


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हनुमान गढ़ी जाने वाले पहले प्रधानमंत्री हैं नरेंद्र मोदी
अयोध्या का इतिहास सदियों पुराना है. आधुनिक भारत में भी न जाने कितने राजनेता अयोध्या पहुंचे लेकिन आज तक कोई प्रधानमंत्री हनुमानगढ़ी के दर्शन करने नहीं गया. ये पहला मौका होगा जब अयोध्या के राजा कहे जाने वाले हनुमानजी के दर्शन के लिए देश के प्रधानमंत्री स्वयं पहुंचेंगे. देश की सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण के प्रतीक किसी मंदिर के शुभारंभ में शामिल होने वाले भी वह पहले प्रधानमंत्री होंगे.


हनुमान गढ़ी में रहकर बजरंगबली करते थे रामदरबार की रक्षा
मान्यता के मुताबिक हनुमान गढ़ी दरअसल वही गुफा है, जहां रहकर हनुमान जी रामकोट और राम जन्मभूमि की रक्षा करते थे. लंका विजय के बाद हनुमानजी भगवान राम के साथ अयोध्या में ही आकर रहते थे और अयोध्या की रक्षा करते थे. यही वजह है कि उन्हें अयोध्या का रक्षक और राजा भी माना जाता है.


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हनुमान गढ़ी एक गुफा मंदिर है. यहां तक पहुंचने के लिए लगभग 76 सीढ़ियां चढ़नी होती हैं. यहां पर स्थापित हनुमानजी की प्रतिमा सिर्फ इंच लंबी है, जो हमेशा फूलमालाओं से सजी रहती है. इस मंदिर परिसर के चारों कोनो में परिपत्र गढ़ हैं. मंदिर परिसर में मां अंजनी और बालहनुमान रूप भी स्थापित है. ऊंचाई पर होने की वजह से हनुमान गढ़ी अयोध्या में हर तरफ से दिखाई देती है. इस विशाल मंदिर व उसका आवासीय परिसर करीब 52 बीघे में फैला है.


29 वर्ष पहले लिए प्रण को पीएम के तौर करेंगे पूरा
नरेंद्र मोदी वर्ष 1991 में एकता यात्रा के दौरान अयोध्या आए थे. उसके बाद वह कभी अयोध्या नहीं आए. अब 29 वर्ष बाद प्रधानमंत्री के रूप में राम मंदिर की आधारशिला रखने अयोध्या आ रहे हैं. दरअसल, 1991 में नरेंद्र मोदी ने फोटो पत्रकार महेंद्र त्रिपाठी से बातचीत में कहा था कि वह अब दोबारा अयोध्या तभी आएंगे जब राम मंदिर का निर्माण होगा. भाजपा नेता के रूप में जो प्रण नरेंद्र मोदी ने 29 वर्ष पहले लिया था, प्रधानमंत्री के रूप में राम मंदिर की आधारशिला रख उसे पूरा करेंगे.


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