`पाक` महीने में दारुल उलूम देवबंद का नया फतवा, `सुन्नी समाज के लोग, शियाओं के यहां न करें इफ्तार`
एक सवाल के जवाब में दारूल उलूम ने फतवा जारी करते हुए सुन्नी मुसलमानों को शिया मुसलमानों की इफ्तार पार्टी में शामिल न होने की हिदायत दी है.
नई दिल्ली/सहारनपुर: दारूल उलूम ने अपने फतवों की लिस्ट में नया फतवा शामिल कर लिया है. सहारनपुर में इस्लामिक शिक्षण संस्थान दारुल उलूम देवबंद से रमजान के पाक महीने में जारी नए फतवे में सुन्नी मुसलमानों को शिया मुसलमानों की तरफ से आयोजित की जाने वाली इफ्तार पार्टियों में न जाने की नसीहत दी गई है. जानकारी के मुताबिक, तीन मुफ्तियों ने इस फतवे को जारी किया है. दारुल उलूम के मुफ्तियों द्वारा दिए गए जवाब से एक नई बहस भी छिड़ सकती है.
सवाल का दिया जवाब
दरअसल, बीते दिनों एक शख्स ने दारूल उलूम से लिखित में सवाल किया था कि रमजान के महीने में शिया हजरात की तरफ से रोजा इफ्तार पार्टी का आयोजन किया जाता है, तो सुन्नी मुसलमानों का उसमें शामिल होना जायज है या नहीं. इसी सवाल के जवाब में दारूल उलूम ने फतवा जारी करते हुए सुन्नी मुसलमानों को शिया मुसलमानों की इफ्तार पार्टी में शामिल न होने की हिदायत दी है.
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तीन मुफ्तियों ने दिया जवाब
सवाल का जवाब दारुल उलूम के तीन मुफ्तियों ने दिया. इसमें उन्होंने कहा कि दावत चाहे इफ्तार की हो या फिर शादी की शियाओं की दावत में सुन्नी मुसलमानों को खाने पीने से परहेज करना चाहिए.
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इस्लामी मसले को लेकर है विवाद
शिया और सुन्नी मुसलामानों के बीच इस्लामी मसले को लेकर विवाद चला आ रहा है. ऐसे में पाक महीने रमजान के दौरान जारी हुए नए फतवे ने एक नई बहस को शुरू कर दिया है.