गौतमबुद्ध नगर: कोरोना संक्रमण काल के दौरान यदि किसी बच्चे के माता-पिता गुजर गए हैं और कोई उसे गोद लेना चाहता है तो बिना जिला प्रशासन की अनुमति के नहीं ले सकता. अगर ऐसा कोई करता है तो उस पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी.


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 किशोर न्याय अधिनियम 2015 की प्रक्रिया का पालन
आपने देखा होगा कि महामारी के दौरान सोशल मीडिया पर लगातार ऐसे मैसेज वायरल हो रहे हैं जिनमें उन बच्चों को गोद लिए जाने की अपील की जा रही है, जिनके माता-पिता कोरोना की चपेट में आकर चल बसे. जिला प्रशासन ने इन वायरल हो रहे मैसेज का संज्ञान लेते हुए यह जानकारी दी है कि किशोर न्याय अधिनियम 2015 में दी गई प्रक्रिया को पूरा किए बिना कोई भी किसी भी बच्चे को गोद नहीं ले सकता है. अगर ऐसा किया गया तो गैरकानूनी माना जाएगा.


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इस वेबसाइट पर करना होगा अप्लाई
बच्चे को गोद लेने के लिए प्रदेश सरकार की ओर से एक वेबसाइट  www.care.nic.in जारी की गई है. यदि कोई बच्चे को गोद लेना चाहता है तो इस वेबसाइट पर पहले अप्लाई करना होगा. इसके बाद पूछी गई डिटेल्स फीड करनी होंगी और फिर प्रशासनिक कार्रवाई के बाद उन्हें बच्चा गोद लेने की अनुमति मिलेगी.


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