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Best Hindi Books: खोजकर पढ़नी चाहिए हिंदी की ये 10 दमदार किताबे, बदल देंगी जिंदगी

हर साल 14 सितंबर को हर साल हिंदी दिवस मनाया जाता है. 14 सितंबर, 1949 को हिंदी को राजभाषा का दर्जा दिया गया था. भारत ही नहीं अब दुनियाभर में हिंदी की डिमांड बढ़ी है.

कासी का अस्सी

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कासी का अस्सी

काशी का अस्सी काशीनाथ सिंह का उपन्यास है. जिसमें अस्सीघाट से लेकर वाराणसी की कुल 5 कहानियां हैं. इसकी कहानियां रस भर देती है. 

 

सत्य के साथ मेरे प्रयोग

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सत्य के साथ मेरे प्रयोग

गांधी जी की आत्मकथा में उन्होंने अपने जीवन के अनुभवों को साझा किया है. इस किताब को पढ़कर आप उनके अनुभवों से बहुत कुछ सीख सकते हैं.

 

गोदान

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गोदान

प्रेमचंद हिंदी साहित्य का वो नाम है, जिनके शब्दों की जादूगरी से हर कोई वाकिफ है. प्रेमचंद का ये उपन्यास उनकी सर्वश्रेष्ठ रचनाओं में शुमार है. ये उपन्यास 1936 में प्रकाशित हुआ. जिसमें उस समय के भारतीय समाज और परिवार की दशाओं का वर्णन किया गया है. 

 

कितने पाकिस्तान

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कितने पाकिस्तान

कितने पाकिस्तान उपन्यास कमलेश्वर ने लिखा है. ये हिंदू-मुस्लिम संबंधों पर आधारित है. इसकी लोकप्रियता का अंदाज इस बात से लगा सकते हैं कि 2003 में इसे साहित्य अकादमी पुरस्कार मिल चुका है. 

 

मैला आंचल

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मैला आंचल

मैला आंचल फणीश्वरनाथ रेणु का लिखा उपन्यास है. जो एक युवा डॉक्टर की कहानी पर आधारित है. इसमें  गांव के जीवन, अभाव, अज्ञान और अंधविश्वास जैसी चीजें से रूबरू कराता है.  

 

तमस

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तमस

भीष्म साहनी का तमस भारत के विभाजन से 7 दिन पहले की काल्पनिक घटना को हकीकत जैसी दर्शाती है. इस किताब को भी लोगों को जरूर पढ़ना चाहिए.

 

चंद्रकांता

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चंद्रकांता

देवकीनंदन खत्री का यह उपन्यास लोकप्रिय उपन्यास में से एक है. इसे भी आपको एकबार जरूर पढ़ना चाहिए.  

 

गुनाहों का देवता

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गुनाहों का देवता

धर्मवीर भारती का लिखा ये उपान्यास सबसे ज्यादा पढ़े जाने वाले उपन्यास में एक है. जिसका नायक प्रेमिका सुधा से एकतरफा प्यार करता है लेकिन यह अंजाम तक नहीं पहुंच पाती. जिसके चलते वह गुनाह का अभियुक्त हो जाता है. 

 

राग दरबारी

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राग दरबारी

राग दरबारी में आजादी के बार हिंदुस्तान की तस्वीर देखने को मिलेगी. जिसे श्रीलाल शुक्ल ने लिखा है. इसमें गांव की भाषा में लिखा व्यंग्यात्मक शैली में कटाक्ष है. इसमें शिवपालगंज नामक गांव की कहानी है. 

 

आषाढ़ का एक दिन

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आषाढ़ का एक दिन

आषाढ़ का एक दिन मोहन राकेश का वो नाटक है, जिसमें कालिदास और मल्लिका के भी प्रेम को दिखाया गया है.  इसमें समाज का आइना और मौजूदा हालात की तस्वीर से जोड़ा जा सकता है. इस पुस्तक को भी आपको खोजकर पढ़ना चाहिए.