अयोध्या में अन्नकूट पर्व का विशेष महत्व है. अयोध्या राम जन्मभूमि में गोवर्धन पूजा वाले दिन भगवान रामलला को गुलाबी रंग के नए वस्त्र पहनाए गए और 56 भोग लगाया गया.
अयोध्या राम जन्मभूमि में अन्नकूट के मौके पर रामलला को 56 भोग लगाया गया.
लंका विजय के बाद भगवान राम जब अयोध्या पहुंचे उस दिन दीवाली मनाई गई. ठीक उसके दूसरे दिन माता कौशल्या ने भगवान राम को 56 प्रकार के व्यंजन बनाकर भोग लगाया था. त्रेता युग की यह परंपरा आज भी कायम है.
गोवर्धन पूजा के दिन भगवान श्री राम को गुलाबी रंग का नया वस्त्र पहनाया गया है.
गोवर्धन पूजा कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को मनाई जाती है. इस साल गोवर्धन पूजा आज यानि 15 नवंबर को मनाई गई.
गोवर्धन पूजा के दिन भगवान को 56 या 108 तरह के पकवानों का भोग लगाना शुभ माना जाता है. इस भोग को 'अन्नकूट' कहते हैं.
भगवान को समर्पित किए जाने वाले इस विशेष भोग में चावल, बाजरा, दाल, कढ़ी, खीर, माखन मिश्री, मौसमी सब्जियां, पापड़, अचार, मोहन भोग, लड्डू, मिठाइयां, मेवा, पान, चावल, रोटी, पुआ, पूरी, पकौड़ी, खीर, आदि होता है.
इस बार का अन्नकूट महोत्सव इसलिए भी खास है, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भव्य तरीके से रामलला को राम जन्मभूमि परिसर में ही 56 भोग लगाया गया और प्रसाद को सभी भक्तों में बांटा गया.