देश के अन्य शहरों की तरह कृष्ण की जन्मस्थली वृन्दावन में भी जन्माष्टमी का उल्लास दिखाई दिया. मंदिर की साज-सज्जा देखकर श्रद्धालु निहाल हो गए. वहीं श्रीकृष्ण जन्मस्थान, नोएडा इस्कॉन मंदिर, कानपुर मोतीझील स्थित जेके मंदिर जैसी जगहों पर ऐसे ही कन्हैया लाल की गूंज सुनाई दी.
आज श्री कृष्ण के जन्मोत्सव को लेकर हर जगह धूम मची हुई है. ऐसे में भला वृन्दावन का बांकेबिहारी मंदिर कैसे पीछे रह सकता है? कान्हा के इस भव्य मंदिर को फूलों आदि से बहुत अच्छे से सजाया गया है.
रविवार देरशाम को प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ श्रीबांकेबिहारी मंदिर पहुंचे. उन्होंने वहां वैदिक मंत्रोच्चार के साथ विधिवन से पूजा-अर्चना भी की.
हालांकि शासन द्वारा जारी आधिकारिक कार्यक्रम में उनका वृंदावन आगमन शामिल नहीं था. लेकिन शाम को मशुरा पहुंचने के बाद सीएम ने स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों से श्रीबांकेबिहारी मंदिर में दर्शन करने की इच्छा जताई.
इसके बाद आनन-फानन में मंदिर प्रबंधन और जिला प्रशासन द्वारा मंदिर के साथ आसपास की गलियों में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई.
महिलाएं अपने प्रभु के लिए फूल की माला बनाकर ला रही है और अपने नंद लाल को भोग लगाने के लिए विभिन्न तरह के व्यंजन बना कर ला रही हैं.
बंकेबिहारी मंदिर में वैसे तो हर साल ही भक्तों की भिड़ उमड़ती है लेकिन इस साल देश-विदेश से हजारों श्रद्धालुओं के आने की आशा है. इसके अलावा शहर के अन्य मंदिरों में भी जन्माष्टमी की तैयारियां पूरी हो चुकी है.
इस मंदिर में कृष्ण जी की भव्य मूर्ति स्थापित है. जहां सालभर भक्तों की भीड़ लगी रहती है. माना जाता है कि स्वामी हरिदास जी की प्रार्थना से बांके बिहारी जी की मूर्ति प्रकट हुई थी.
ये बात आप लोगों को बहुत कम लोगों ने बताई होगी की आपको बिहारी जी के दर्शन करते समय अपनी आंखे खुली रखनी चाहिए क्योंकि वह अपने भक्तों तो मंत्रमुग्ध कर देते है.
जन्माष्टमी के दिन ही बांके बिहारी मंदिर में मंगल आरती की जाती है. इसके अलावा बांके बिहारी के चरण दर्शन अक्षय तृतीया के दिन ही होते है.