उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने बाद हुई ताबड़तोड़ कार्रवाई के बाद बुलडोजर की चर्चा हर तरफ हो रही है. रैलियों से लेकर शादियों तक में यह नजर आ रहे हैं. लेकिन क्या आपको पता है इसका डिजाइन किसने तैयार किया था. जेसीबी और इसमें क्या अंतर है.
इसके शक्तिशाली होने की वजह से ही इसे बुलडोजर नाम दिया गया. पहले इसका इस्तेमाल बंजर और ऊबड़ खाबड़ जमीन को ठीक करने के लिए किया जाता था.
साल 1923 में जेम्स कमिंग्स और ड्राफ्ट्समैन जे अर्ल मैकलियोड ने बुलडोजर का डिजाइन तैयार किया था. अब जीपीएस और रिमोट से चलने वाले बुलडोजर भी बनने लगे हैं.
जेसीबी और बुलडोजर को लेकर भी लोगों में कंफ्यूजन देखने को मिलता है कि क्या दोनों एक हैं या अलग-अलग. अगर आप भी दोनों को लेकर कंफ्यूज रहते हैं तो चलिए आज जान लेते हैं.
जेसीबी एक निर्माण कंपनी है. यह बुलडोजर और बैक होए लोडर मशीन बनाती है. बैक होए लोडर में आगे और पीछे दोनों तरफ ब्लेड लगाए जाते हैं.
बुलडोजर में सिर्फ आगे की तरफ ब्लेड और रिपर होते हैं. हालांकि अब बुलडोजर में भी लोग दोनों तरफ शक्तिशाली पंजे लगवा रहे हैं. इससे एक ही मशीन से दोनों काम हो जाते हैं.
सियासत में भी बुलडोजर का खूब इस्तेमाल होता रहा है. योगी सरकार में माफिया-अपराधियों के खिलाफ अवैध संपत्ति को जमींदोज करने के लिए बाबा बुलडोजर खूब गरजा है.
बुलडोजर ने कई नेताओं को प्रसिद्धि दिलाई है. यूपी में योगी आदित्यनाथ को बुलडोजर से प्रसिद्धि मिली. बाबा का बुलडोजर आज ब्रांड बन गया है.
कार्रवाई के अलावा बुलडोजर का क्रेज लोगों के बीच भी देखने को मिलता है. कई जगह से तस्वीरें सामने आ चुकी हैं. जहां शादी में बुलडोजर पर दूल्हा दुल्हन दिखाई दिए.
इतना ही नहीं यूपी के हमीरपुर में एक शादी में दहेज के रूप में बुलडोजर दिया गया. लोग इसके टैटू तक बनवा रहे हैं.
अपने दौरे पर भारत आए ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने बुलडोजर की सवारी की थी. अब तो लोग बुलडोजर का टैटू भी बनवा रहे हैं.