25 दिसंबर को पूरी दुनिया में क्रिसमस का त्योहार मनाया जाता है. इस दिन लोग पूरे उत्साह के साथ क्रिसमस ट्री सजाते हैं. इसे सजाने की परंपरा सालों से चली आ रही है.
माना जाता है कि 25 दिसंबर को ईसा के जन्म की खुशी में स्वर्ग दूतों ने खुद फर्न के पेड़ों को सितारों से सजाया था. उनकी याद में लोग हर साल अपने-अपने घरों में क्रिसमस ट्री से सजाते हैं. वास्तु शास्त्र में भी क्रिसमस ट्री का विशेष महत्व है.
क्रिसमस ट्री को जीवन की निरंतरता का प्रतीक माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि इसे सजाने से घर के सदस्यों की आयु लंबी होती है. वास्तु शास्त्र के अनुसार सही दिशा में लगाया गया क्रिसमस ट्री से घर का वास्तु दोष भी दूर करता है.
वास्तु के अनुसार घर में क्रिसमस ट्री लगाने से घर के सदस्यों के बीच प्यार बढ़ता है और आपसी रिश्ते मजबूत होते हैं. क्रिसमस ट्री लगाने से घर से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सकारात्मकता आती है.
अगर आप घर में क्रिसमस ट्री लगा रहे हैं तो इसे मोमबत्ती से सजाएं. माना जाता है कि इससे घर में खुशियां आती हैं और बरकत होती है. ध्यान रखें कि ये तिकोन आकार में ही हो.
वास्तु के अनुसार ट्री का ऊपरी भाग तिकोना और ऊपर की ओर बढ़ता हुआ होता है तो ये बहुत शुभ होता है. ऐसे क्रिसमस ट्री से जीवन में तरक्की के मार्ग खुलते हैं.
वास्तु के अनुसार क्रिसमस ट्री को हमेशा घर की उत्तर या पूर्व दिशा में लगाना चाहिए. वास्तु में इन दिशाओं को सकारात्मक दिशा माना गया है. घर के आंगन में भी क्रिसमस ट्री लगाना शुभ माना होता है.
क्रिसमस ट्री को कभी भी घर के दक्षिण दिशा में नहीं लगाना चाहिए. इससे तरक्की में रुकावट आती है और आर्थिक तंगी होती है. क्रिसमस ट्री को कभी भी घर के मुख्य द्वार पर नहीं लगाना चाहिए.
क्रिसमस ट्री को रंग-बिरंगे लाइट्स और स्टार से सजाना शुभ माना जाता है. क्रिसमस ट्री पर स्टार लगाने से जीवन में उत्साह और उमंग की वृद्धि होती है. क्रिसमस ट्री सजाते समय उसमें कुछ खिलौने भी लगाने चाहिए. बाद में इन खिलौनों को बच्चों में बांट देने से घर में खुशियां आती हैं.