छठ का पर्व कार्तिक मास की छठी तिथि को मनाया जाता है. छठ के दौरान महिलाएं नाक से मांग तक सिंदूर भरती हैं.
सनातन धर्म में सिंदूर को सुहाग की निशानी माना जाता है.
छठ का पर्व कार्तिक मास की छठी तिथि को मनाया जाता है. छठ के दौरान महिलाएं नाक से मांग तक सिंदूर भरती हैं.
मान्यता है कि महिलाएं जितना लंबा सिंदूर लगाती हैं उनके पति की उम्र लंबी होती है.
छठ में महिलाएं अपनी संतान और पति की लंबी आयु की कामना करती हैं. इसलिए लंबा सिंदूर पति के लिए बेहद शुभ माना जाता है.
छठ पूजा की मान्यता ये भी है कि अगर किसी कुंवारी कन्या के ऊपर ये सिंदूर गिर जाता है तो उसकी शादी भी जल्दी होती है.
सिन्दूर लंबी मांग हो उतना लंबा भरा जाना चाहिए.
मान्यता है कि सूर्य भगवान को सिन्दूर दिखना चाहिए इससे वह प्रसन्न होते हैं.
जिस तरह चढ़ता सूरज सभी के लिए अच्छा होता है वैसे ही शादीशुदा महिला के लिए भी नारंगी सिंदूर अच्छा माना जाता है.
छठ पूजा में जो महिलाएं व्रत करती हैं वो इस दिन पूरा श्रृंगार करती है, श्रृंगार सिन्दूर के बिना अधूरा होता है.