गुरु नानक देव जी ने कहा था कि परम पिता परमेश्वर एक हैं. ईश्वर एक है और वह सभी जगह विद्यमान है. हमेशा एक ईश्वर की साधना करो. उन्होंने मेहनत करने और किसी का हक नहीं छीनने की बात कही थी. उन्होंने कहा कि संसार को जीतने से पहले खुद की बुराइयों और गलत आदतो पर विजय प्राप्त करो.
15 नवंबर को देशभर में गुरु पर्व मनाया जाएगा. इसे गुरु नानक प्रकाश उत्सव के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन को पहले सिख गुरु, गुरु नानक देव जी के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है. सिख धर्म के संस्थापक, गुरु नानक सिख समुदाय की आस्था का केंद्र हैं. यह सिख धर्म के सबसे पवित्र त्योहारों में से एक है. सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक का जन्म विक्रम संवत कैलेंडर के अनुसार 1469 में कार्तिक पूर्णिमा को ननकाना साहिब (पाकिस्तान) में हुआ था.
यह गुरुद्वारा समुद्र तल से 4329 मीटर ऊपर स्थित है. यहाँ दसवें सिख गुरु, गुरु गोविंद सिंह जी ने ध्यान के माध्यम से दिव्य मोक्ष प्राप्त किया था. यह गुरुद्वारा पारंपरिक सिख स्थापत्य शैली का पालन करने के बजाय ढलानों के साथ बनाया गया है.
यहां यात्रा करने का सबसे अच्छा समय मार्च से जून के बीच रहता है. यह गोपेश्वर नजदीक है, जहाँ सड़क मार्ग से पहुँचा जा सकता है. ऋषिकेश रेलवे स्टेशन और जॉली ग्रांट हवाई अड्डा सबसे नजदीक हैं. यहां आप फूलों की घाटी, हेमकुंड झील और घांघरिया भी देख सकते हैं.
यहां गुरु तेग बहादुर और गुरु गोबिंद सिंह की पहली मुलाकात की याद में एक गुरुद्वार है. 1970 और 1980 के दशक में वर्तमान गुरुद्वारे का निर्माण हुआ. यह वह स्थान है जहां गुरु साहिब ने एक बच्चे का रूप धारण किया और निवास किया.