रंगों का त्योहार दरवाजे पर दस्तक दे रहा है, इसी को लेकर पूरे देश में हर्षोल्लास का नजारा देखने को मिलता है. अलग अलग राज्यों में विभिन्न तरीकों से होली खेलने की प्रथा है. कहीं लट्ठमार होली का आयोजन होता है, तो कहीं लड्डू मार होली खेली जाती है.
मथुरा- मथुरा वृंदावन की होली पूरे विश्व में प्रसिद्ध है और देश विदेश से लाखों लोग इस होली को देखने आते हैं। ब्रज में होली का कार्यक्रम 40 दिनों तक मनाया जाता है, जिसकी शुरुआत वसंत पचंमी से हो जाती है.
वृंदावन-उत्तर प्रदेश के वृंदावन में लोग न केवल गुलाल के साथ बल्कि फूलों के साथ होली खेलते हैं. जमुना नदी के किनारे बसे इस शहर में दूरदराज से लोग आकर होली के त्यौहार का आनंद लेते हैं.
बरसाना- राधे राधे राधे बरसाने वाली राधे, ऐसे ही गीतों पर झूमते हुए बरसाने के लोग होली के त्यौहार का आनंद लेते हैं. इस शहर में लठमार होली के अलावा लड्डू होली भी खेली जाती है.
पुष्कर- राजस्थान का पुष्कर जहां भगवान ब्रह्मा का पूरे विश्व में एकमात्र मंदिर स्थापित है अपनी होली के लिए पूरे विश्व में प्रसिद्ध है. यहां न केवल भारत के लोग बल्कि विदेशी भी पूरे तन और मन के साथ होली के त्यौहार का आनंद लेते हैं
काशी- हर साल फाल्गुन मास की पूर्णिमा पर होली का महापर्व मनाया जाता है, लेकिन देश-दुनिया के मुकाबले काशी में खेली जाने वाली होली का रंग अलहदा होता है क्योंकि बाबा विश्वनाथ की नगरी में भोले के भक्त फूल, रंग या गुलाल से नहीं बल्कि श्मशान घाट की चिता से होली खेलते हैं