बढ़ती गर्मी की वजह से एक्सप्रेस-वे पर हादसे भी बढ़ गए हैं. हालात ऐसे हैं कि धूप की तपिश से एक्सप्रेस-वे तपने लगा है. जिसकी वजह से गाड़ियों के टायर फट रहे हैं, जो हादसों को न्योता दे रहे हैं.
Expressway Tyre Burst: यूपी समेत देश के अधिकांश राज्यों में भीषण गर्मी का प्रकोप है. जिसका प्रभाव लोगों के साथ-साथ अब गाड़ियों पर भी पड़ रहा है. भीषण गर्मी में एक्सप्रेस-वे सूरज की तपिश से तप रहा है. जिसकी वजह से गाड़ियों के टायर फटने की घटनाएं सामने आ रही हैं.
गर्मी आते ही एक्सप्रेस-वे पर हादसों की संख्या भी बढ़ गई है. ये हादसे ज्यादार वाहनों के टायर फटने से हो रहे हैं. दरअसल, सड़क और पहिए के बीच घर्षण हो रहा है. जिसकी वजह से टायर फटने की घटनाएं देखने को मिल रही है.
बढ़ते पारे को देखते हुए एक्सप्रेस-वे पर चलने वाले वाहन चालकों को अधिक सावधान रहने की जरूरत है. रिपोर्ट्स के अनुसार, वाहन का टायर फटना सड़क हादसों की तीसरी बड़ी वजह रही है. गर्मी बढ़ने के साथ ही सीमेंट और कंक्रीट से बना एक्सप्रेस-वे तपने लगा है. कंक्रीट की सड़कों पर टायर से घर्षण में ज्यादा हीट पैदा हो रही है. जिसकी वजह से टायर फट रहे हैं.
यमुना एक्सप्रेस पर लगातार हादसों संख्या को देखें तो आंकड़ा चौकाने वाला है. हालांकि, पिछले सालों के मुकाबले वर्तमान में हादसों में कमी दर्ज की गई है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, नींद आने से अब तक यहां 3207 हादसे हुए हैं. जिसनें 488 लोगों की मौत हो गई है. वहीं घायलों की संख्या 3873 रही. ओवर स्पीडिंग से 1302 सड़क हादसे हुए. जिनमें 197 लोगों की मौत हुई. वहीं 1816 लोग इन हादसों में घायल हुए. टायर फटने से 760 एक्सीडेंट्स हुए. जिनमें 90 लोगों की जान चली गई. वहीं 1219 लोग घायल हुए.
कोहरे की वजह से 341 एक्सीटेंस्ट हुए. जिनमें 76 लोगों की मौत और 679 लोग घायल हुए. इसके अलावा शराब पीकर ड्राइविंग करने की वजह से 263 सड़क हादसे हुए. जिनमें 87 लोगों की मौत और 371 लोग घायल हुए. यांत्रिक कमी की वजह से 133 हादसे हुए. जिनमें 17 लोगों की मौत और 155 लोग घायल हुए. 86 पदयात्री हादसे का शिकार हुए. जिनमें 24 की मौत हुई. लापरवाही और अन्य कारणों से 1164 सड़क हादसे हुए. जिनमें 263 लोगों की जान चली गई. वहीं 2373 लोग घायल हुए.
रिपोर्ट्स की मानें तो यमुना एक्सप्रेस-वे पर 2012 से 2023 तक कुल 7,256 हादसे हुए हैं. इनमें मृतकों की संख्या 1237 और घायलों की संख्या 10520 है. आंकड़ों के अनुसार, सबसे ज्यादा हादसे ड्राइवर को नींद आने की वजह से हुए. वहीं ओवरस्पीडिंग हादसों की दूसरी सबसे बड़ी वजह रही.
जानकारों की मानें तो वाहनों में सुरक्षा के लिहाज से नाइट्रोजन गैस इस्तेमाल की जानी चाहिए. ये गैस ठंडी होती है और अब ये आसानी से पेट्रोल पंप या अन्य दुकानों पर मिल जाती है. टायर में नाइट्रोजन गैस भरने पर अंदर के ऑक्सीजन पार्टिकल डाल्यूट हो जाते हैं. इसके साथ ही टायर में प्रेशर भी सही रहता है. ये गैस टायरों को गर्मी के मौसम में ठंडा रखने का काम करती है. इसके इस्तेमाल से टायर की लाइफ भी बढ़ती है.
हादसों में कमी के लिए एक्सप्रेस-वे पर बने टोल प्लाजा पर पानी पीने की व्यवस्था की गई है. इससे चालकों को गर्मी से राहत मिल सके. चालकों से कम स्पीड रखने के भी निर्देश दिए जा रहे हैं. हादसों को रोकने के लिए सभी टोल प्लाजा एंट्री और एग्जिट प्वाइंट पर अनाउंसमेंट भी किया जा रहा है. इससे चालकों को नींद आने के कारण होने वाले हादसों में कमी आएगी. वहीं बढ़ती गर्मी को देखते हुए वर्तमान में टायरों में नाइट्रोजन गैस भरवाने की व्यवस्था की गई है.